मुंबई 16 जुलाई [एजेंसी]।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को चिकित्सा के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि उन्हें विशेष चिकित्सा सहायता मिल रही है और उनके स्वास्थ्य अधिकार या जीवन अधिकार का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं किया रहा है। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि मलिक की मेडिकल रिपोर्ट से यह संकेत नहीं मिलता है कि वह किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है। इसके विपरीत रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व राज्य मंत्री को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने 13 जुलाई को चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग करने वाली मलिक की याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, विस्तृत आदेश शनिवार को उपलब्ध कराया गया। अपने आदेश में हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि संविधान के अनुच्छेद 21 में स्वास्थ्य अधिकार को एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में मान्यता दी गई है। इसके आधार पर कोई भी जमानत ले सकता है। इसमें विचाराधीन कैदी या दोषी भी शामिल है।