पटना, १२ फरवरी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले माह की 28 जनवरी को बिहार में एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार बनाई थी। अब सोमवार को विधानसभा में एनडीए सरकार फ्लोर टेस्ट से होकर गुजरेगी।नीतीश कुमार अपनी सरकार के लिए बहुमत पर वोटिंग का प्रस्ताव सदन में रखेंगे। इसके बाद विधान मंडल का बजट सत्र शुरू होगा। सत्ता परिवर्तन के बाद विधान मंडल का यह पहला सत्र है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है। शाम जदयू विधायक दल की बैठक हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को संबोधित किया। बिहार के विकास के लिए एकजुट रहने की बात कही। एक दिन पहले मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर भी जदयू विधायक जुटे थे। बिहार में नीतीश सरकार के शक्ति परीक्षण के पहले राजद ने बड़ा आरोप लगाया है। राजद का आरोप है कि उसके दो विधायकों को सचेतक के कक्ष में जबरन बैठाया गया है। विधायकों की जारी बैठक के बीच पुलिस प्रशासन को हमारे नेता के घर मे प्रवेश कराया गया। विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन नहीं टूट नहीं सकता है। कांग्रेस पहली पार्टी है, जिसने बरकरार विधायकों का उदाहरण पेश किया है। राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर विधानसभा के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों की उपलब्धियां गिनाईं। इसके साथ ही आने वाले समय में किए जाने सरकार के कार्यों का भी उल्लेख किया। राज्यपाल के संबोधन के दौरान नारेबाजी और हंगामे जैसी स्थिति भी बनती दिखी। लाइव प्रसारण के दौरान समाने बैठे सदस्यों की आवाजें सुनी गईं।
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई। इसके बाद यह प्रस्ताव पारित हो गया। चौधरी ने इसके बाद उपाध्यक्ष को अपने आसन के पास बुलाया।
राजद कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
बिहार की सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान फ्लोर टेस्ट से पहले पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।