कोरबा। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में परिवहन संबंधित काम के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन (नॉन) को ठेके पर व्यवस्था करना है। इसके लिए उसे इस तरह के काम के अनुभवी व्यवसायी की जरूरत है। कोरबा जिले में इस काम के लिए निविदा आमंत्रित करने और आवेदन अंतिम तिथि तक प्राप्त करने के बाद भी निविदा को जान-बूझकर नहीं खोला गया है। जबकि अंतिम तारीख पार हो चुकी है। सवाल उठ रहा है कि क्या कहीं अधिकारियों ने अपने चहेते परिवहनकर्ता को उपकृत करने के लिए योजना तो नहीं बनाई है। सूचनाओं के मुताबिक कोरबा जिले में कई हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल लेने का काम अनाज उत्पादक किया करते हैं। इस व्यवस्था की अगली कड़ी में उत्पादन को आगे परिवहन करने के लिए पूरा सिस्टम बना हुआ है। इस हेतु पिछले कई वर्षों से अलग-अलग स्तर पर काम कराया जाता रहा है। परिवहन से जुड़े कारोबारियों को इसमें शामिल करने के साथ उन्हें काम के मौके दिए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड रायपुर ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए द्वार प्रदाय परिवहन कार्य के लिए ई-निविदा आमंत्रित की थी। इसमें प्रदाय केंद्र बेस डिपो और संग्रहण केंद्र को शामिल किया गया था। 2 जून को निविदिा सुबह 11 बजे तक जारी की गई थी। इस कड़ी में 13 जून को अंतिम रूप से शाम 5 बजे तक आवेदन स्वीकार किये जाने थे और 14 जून को सुबह 11 बजे निविदा खोली जानी थी। व्यवस्था के अंतर्गत निविदा दिवस को अगर अवकाश होता तो इसे अगले दिन खोला जाता। इसमें कुछ और शर्तें जोड़ी गईं थी जिस स्थिति में कुछ आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया था। खबर के मुताबिक जिले के कई ट्रांसपोटर्स ने इस निविदा में हिस्सा लिया। हैरानी की बात यह है कि 14 जून को सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के द्वारा निविदा नहीं खोली गई। यह सब जान-बूझकर किया गया या कोई और वजह रही है, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई और न ही निविदा डालने वाले आवेदकों को अवगत कराया गया। एक पखवाड़ा से ज्यादा समय गुजरने के साथ इस मामले में कई प्रकार के सवाल उठ खड़े हो गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि नागरिक आपूर्ति निगम के स्थानीय अधिकारियों ने किसी खास मंशा से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है ताकि वे अपने चहेते को किसी भी तरह से इस काम का आवंटन कर सके और उस पर मेहरबानी हो सके। छत्तीसगढ़ में अधिकांश कार्यों को लेकर दावे किये जा रहे हैं कि ये मामले पारदर्शिता के सिद्धांत पर आधारित है। इस स्थिति में 14 जून को खोली जाने वाली निविदा के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ जो कि उसे लटकाने में रूचि ली जा रही है।