चंडीगढ़, १२ जुलाई [एजेंसी]। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग बांट रहा है सूखे राशन के पैकेट पंजाब में बीते तीन दिनों तक हुई बारिश की वजह से राज्य के 11 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है। तीन दिन के दौरान राज्य में 5161.5 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई है। पंजाब की सारी नदियां उफान पर है।बाढ़ की वजह से 8 लोगों की जान जाने की सूचना है तो वहीं, कई दुधारू पशु भी बाढ़ की चपेट में आकर जान गंवा चुके है। करीब 9 लोगों को अलग अलग जिलों में अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। 3 लोगों के लापता होने की सूचना है। 7500 से अधिक मेडिकल स्टाफ तैनाती अलग अलग जगह पर की गई है। वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ राहत के कार्यों का जायजा लिया।रोपड़, पटियाला, लुधियाना, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, मोगा, जालंधर, फिरोजपुर, कपूरथला, तरनतारन और संगरूर जिलों के सीनियर वेटरनरी अफसरों को 50 हजार रुपए प्रति जिला दवाएं खरीद कर भेज दी हैं। जिससे पशुओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सके। इसके इलावा वेटरनरी डाक्टरों और अन्य स्टाफ आधारित रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन कर दिया गया है जिनकी तैनाती बाढ़ प्रभावित इलाकों में की गई है। यदि जरूरत पड़ती है तो पशुओं के चारे का भी प्रबंध कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी मानवीय जान की रक्षा के लिए अस्पतालों को ग्रांट जारी कर दी है। जिससे जरूरी दवाओं की पूर्ति की जा सके। जिला अस्पतालों को 12.5 लाख रुपए जारी किये गए हैं। जिससे यदि जरूरत पड़ती है तो आपातकालीन हालातों से निपटा जा सके। इसके अलावा सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीमें बना दीं गई हैं। नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है जिससे राहत कामों को प्रभावी तरीके के साथ लागू किया जा सके। सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित करके नंबर जारी किये जा चुके हैं। राज्य के जिन इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है वहां स्थायी मेडिकल कैंप स्थापित किये गए हैं। इसके साथ ही सिविल सर्जन और रेपिड रिस्पांस टीमें जिला प्रशासन के तालमेल के साथ अधिक खतरे वाले गांवों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यत्नशील हैं।पानी घटने के बाद वैकटर- बोर्न और पानी से पैदा होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए लारवीसाईड का छिड़काव किया जायेगा। सभी जिलों को पहले ही लारवीसाईडज़, अडल्लटीसाईडज़ और पंप मुहैया करवाए जा चुके हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 7500 से अधिक मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। सोमवार रात तक 9000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। खाद्य सप्लाई विभाग की तरफ से बाढ़ प्रभावित जिलों वाले क्षेत्रों जैसे मोहाली, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, तरनतारन, रूपनगर, कपूरथला, नवांशहर और संगरूर में सूखे राशन के पैकेट बांटे जा रहे हैं। संबंधित जिलों की तरफ से 38,300 पैकटों की मांग की गई है। बाढ़ के कामों को और प्रभावी बनाने के लिए एनडीआरएफ की 14 टीमें और एसडीआरएफ की 2 टीमें ( जालंधर और कपूरथला) बाढ़ प्रभावित इलाकों में कार्यशील हैं। इनमें से एनडीआरएफ की 3 टीमें मोहाली में, रूपनगर में 5 पटियाला में 2 जालंधर, फतेहगढ़, संगरूर और एसबीएस नगर में 1-1 टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा 3 टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। इन जिलों में लोग हुए प्रभावित बाढ़ के कारण रोपड़, पटियाला में 52 फीसद, एक हजार के करीब मोगा में, 300 के करीब लुधियाना में लोग प्रभावित हुए। वहीं रोपड़ में एक, फतेहगढ़ साहिब में दो, होशियारपुर में एक, मोहाली में दो एसबीएस नगर में एक व्यक्ति की जान गई। बाढ़ के कारण मोगा में एक , मोहाली में एक और जांलधर में एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है। बाढ़ के कारण एक व्यक्ति को राजपुरा जबकि आठ लोगों को मोहाली में भर्ती करवाया गया है। टूटे मकान अलग अलग जिलों में 50 से ज्यादा कच्चे व पक्के मकान गिरे। पठानकोट में कच्चा मकान, तरनतारन में दो, फिरोजपुर में दो, तीन फतेहगढ़, 11 फरीदकोट, 8 होशियारपुर, 6 राजपुरा, 13 लुधियाना, 20 मोहाली, पांच एसबीएस नगर 3 फतेहगढ़ साहिब में क्षतिग्रस्त हुए है। 8 पशुओं की मौत बाढ़ के कारण 3 पशु फतेहगढ़ साहिब और 8 मोहाली में मरे है। कहां से कितने लोगों को सुरक्षित निकाला पटियाला से 5582, रोपड़ 1480, मोगा 70, लुधियानया 300, मोहाली 1400, एसबीएस नगर 200, फतेहगढ़ से 500 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। कहां कितने राहत कैंप मोहाली में 22, एसबीएस नगर में दो, लुधियाना में तीन, मोगा में 7 रोपड़ में 11 और पटियाला में 12 राहत कैंप खोले गए है। —————