जांजगीर। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को राजधानी रायपुर स्थित श्री दूधाधारी मठ में परंपरागत रूप से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। प्रात: कालीन बेला में भगवान रघुनाथ जी, बालाजी एवं संकट मोचन हनुमान जी का विशेष श्रृंगार किया गया, सुबह 10:00 विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज श्री दूधाधारी मठ के प्रथम आचार्य राजेश्री महन्त बलभद्र दास जी महाराज की समाधि स्थल के समीप विराजित हुए, श्रद्धालु भक्तों में बारी बारी से गुरुदेव की पूजा अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त किया। लोगों ने इस अवसर पर चरण पखार कर चरणामृत लिया तथा तिलक लगाया एवं आरती करके आशीर्वाद प्राप्त की। मठ मंदिर के पुजारियों ने स्वस्तिवाचन करके गुरु पूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया। इस अवसर पर मठ मंदिर में संत महात्माओं के द्वारा भजन कीर्तन निर्बाध रूप से जारी था दूरदराज के अनेक गांवों तथा शहरों से आए हुए लोगों ने राजेश्री महन्त जी महाराज से गुरु दीक्षा प्राप्त की, दोपहर 1:30 बजे सभी आगंतुक लोगों ने मठ में भोजन प्रसाद प्राप्त किया। राज्य के आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक ,राजनीतिक, प्रशासनिक तथा शिक्षा जगत आदि क्षेत्रों से जुड़े हुए लोगों ने यहां पहुंच कर महाराज जी से भेंट मुलाकात करके आशीर्वाद प्राप्त किया। पूरे छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों से लोग यहां पहुंचे इनमें विशेष करके रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर -चांपा ,कोरबा, जसपुर, शक्ति, दुर्ग ,राजनांदगांव, कबीरधाम, धमतरी ,बालोद, गरियाबंद सहित अनेक स्थानों के नाम उल्लेखनीय हैं ।इसके अलावा शिवरीनारायण, राजिम, तथा मठ मंदिर से जुड़े हुए अनेक गांव से लोग अपने सगे संबंधी तथा परिवार सहित यहां पहुंचकर पूजा अर्चना करके दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद प्राप्त किए समाचार लिखे जाने तक लोगों के मिलने का सिलसिला अनवरत जारी था