यरूशलम, २३ अक्टूबर । इजरायल-हमास युद्ध के पश्चिम एशिया की बदली स्थिति में अमेरिका को अपने कूटनीतिक और सैन्य ठिकानों पर हमले का खतरा महसूस हो रहा है। इसी खतरे को देखते हुए अमेरिका क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी कर रहा है। अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम थाड समेत कई हथियार पश्चिम एशिया भेजे गए हैं। रविवार को अमेरिकी सुरक्षा बलों के इराक के अल-बगदादी कस्बे में स्थित आवास पर दो कोतियूशा राकेट गिरने की घटना हुई है। इससे पहले इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला हो चुका है। वैसे अमेरिका के अरब क्षेत्र में पहले से कई सैन्य अड्डे हैं और सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद अमेरिका ने अपने दो विमानवाहक युद्धपोत भी इजरायल के नजदीक भूमध्य सागर में तैनात कर दिए हैं। इनमें यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड हमलावर समुद्री बेड़ा भी शामिल है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने कहा है कि ईरान की युद्ध भड़काने वाली हरकतों को देखते हुए इजरायल के सहयोग और अमेरिकी सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण और हथियार पश्चिम एशिया में भेजे गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि हिजबुल्ला और कई अन्य इस्लामी चरमपंथी संगठन क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को बिगाडऩे की लगातार कोशिश कर रहे हैं। वे इजरायल के साथ युद्ध के नए मोर्चे खोलने की कोशिश में हैं।पश्चिम एशिया की बदल रही स्थितियों के बीच आस्टिन ने वहां पर अमेरिकी ठिकानों पर हमले का अंदेशा जताया है। गाजा पर इजरायली बमबारी के विरोध के दौरान इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर राकेट और ड्रोन से हमलों के बाद अमेरिका ने वहां पर सैन्य शक्ति बढ़ाई है और दो हजार मरीन कमांडो भेजे हैं। कई अन्य अरब और मुस्लिम देशों में अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। आस्टिन ने बताया कि बदलती स्थितियों को ध्यान में रखकर अत्याधुनिक थाड एयर डिफेंस सिस्टम और अतिरिक्त पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम पश्चिम एशिया भेजे गए हैं। साथ ही अतिरिक्त सैन्य बल को कूच के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इस बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को इराक की यात्रा पर न जाने की सलाह दी है। उधर इजरायल ने गाजा सीमा के पास टैंकों की संख्या में बढ़ोतरी की है। इससे संकेत मिलता है कि इजरायली सेना जल्द ही गाजा में जमीनी कार्रवाई शुरू कर सकती है। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरानी की भागेदारी से इजरायल-हमास युद्ध और बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर अमेरिकी कर्मी या सशस्त्र बल निशाना बनते हैं तो बाइडन प्रशासन जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि वैसे हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते।