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कोरबा : प्रयागराज महाकुंभ दिनांक 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में सम्पन्न होने वाला है। 144 वर्षों पश्चात् कुम्भ का यह शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ हैं। जिसमें 45 दिनों में अनुमानित 40 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित होने वाले हैं। कल्पना करें कि इतने तीर्थयात्रियों के भोजन आदि में कितना पॉलिथिन व डिस्पोजेबल, प्लास्टिक या कागज लग सकता है।

हरित कुंभ के तहत एक थाली एक थैला अभियान में कोरबा बंग समाज ने 201थाली व थैला का योगदान दिया।

जो कचरा बन कर तीर्थ नगरी प्रयागराज व पवित्र त्रिवेणी संगम को बुरी तरह प्रदूषित कर सकता है। महाकुंभ में प्रतिदिन लगभग 10 हजार टन कचरा उत्सर्जित हो सकता है इस प्रकार 45 दिनों मे कुल 40 से 50 हजार टन कचरा उत्सर्जित होने का अनुमान है। हमारा प्रयास है कि अपना यह महाकुम्भ पर्यावरण अनुकूल बने, हरित कुम्भ बने।

इसलिये पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने संकल्प लिया है कि हर घर से एक थाली, एक थैला संग्रहित कर प्रयागराज के तीर्थयात्रियों तक पहुंचाया जाये। ये थैले तीर्थ यात्रियों को आग्रह पूर्वक कुम्भ स्थल मे प्रवेश करते ही दिया जायेगा जिससे वे प्लास्टिक के थैले आदि में सामान न खरीद कर इस थैले का उपयोग करें इसी प्रकार जो थाली हैं वे सब जहाँ जहाँ भोजन के पंडाल लगेंगे वहाँ प्रदान किया जायेगा। जहाँ श्रद्धालु थाली मे भोजन करफिर वहां रख जायेंगे। इस प्रकार जो भोजन के दोने पत्तल और सिंगल युस्ड प्लास्टिक के कचरे की संख्या मे कमी आएगी।इस कुम्भ मे कचरा प्रबंधन मे 115 योजनाकारों की टीम कार्य कर रही है लगभग 10 हजार स्वच्छता मित्र कार्य करना प्रारम्भ कर दिये हैं। इस कुम्भ से उत्सर्जित होने वाले सभी प्रकार के आपशिष्ट के त्वरित निपटान की भी वृहत योजना बनी हुई है।

कुम्भ मे कचरा कम हो इसके लिये पुरे भारत वर्ष से थैला और थाली समाज से दान मे लेकर कुम्भ मे भेजनें की योजना अंतर्गत कोरबा जिला के बंगाली समाज से कोरबा बंग समाज संस्थान द्वारा आज रविवार दोपहर 12 बजे सियान सदन में संक्षिप्त कार्यक्रम के तहत पर्यावरण गतिविधि के विभाग सह संयोजक शैलेन्द्र नामदेव, जिला संयोजक कैप्टेन मुकेश अधलखा एवं आरएसएस के कोरबा नगर संघ चालक अशोक तिवारी को 201थाली और 201 थैला सौंपा गया। इस दौरान कोरबा बंग समाज के सदस्यगण उपस्थित रहें।