
बिश्रामपुर। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के आठ फर्जी चेक के जरिए 37 लाख 53 हजार रुपये अलग अलग खातों में ट्रांसफर करा लेने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मामले में एसईसीएल प्रबंधन के हरकत में आने से एसईसीएल के बैंक खाते में करीब 28 लाख की राशि वापस समायोजित होने की जानकारी है। बकाया राशि संबन्धित खातों को होल्ड करा वापस लाने की कोशिश जारी है।
बताया गया कि अज्ञात आरोपित द्वारा 20 जून को इंडियन बैंक बिलासपुर में एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र का दो फर्जी चेक जमा कर क्रमश: 4.71 लाख रुपये व 4.55 लाख रुपये ममता मल्लिक के बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिया था। उसके बाद अज्ञात आरोपित द्वारा पंजाब नेशनल बैंक की बिलासपुर स्थित शाखा में 25 जून को एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के छह फर्जी चेक जमाकर सोनू देवी के बैंक खाते में 4.68 लाख, 4.64 लाख रुपये, 4.61 लाख रुपये समेत पूनम देवी के बैंक खाते में 4.70 लाख, 4.77 लाख व 4.87 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिया।
इसी तरह आठ फर्जी चेक के जरिये कूटरचना करते हुए अज्ञात आरोपित द्वारा 37.53 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई थी। राशि आहरण की जानकारी मेल के जरिये मिलते ही एसईसीएल के क्षेत्रीय प्रबन्धन में खलबली मच गई। क्षेत्रीय महाप्रबंधक के निर्देश पर क्षेत्रीय वित्त विभाग ने तत्काल स्थानीय बैंक पहुंचकर उक्त गड़बड़ी की जानकारी दी। इस पर स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक ने तत्काल उक्ताशय की सूचना बैंक के भोपाल स्थित क्लियरिंग विभाग को देते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराया। जानकारी मिलते ही स्टेट बैंक के क्लियरिंग विभाग ने चेक के सही होने की जानकारी देने वाली पंजाब नेशनल बैंक व इंडियन बैंक की संबधित शाखा को मेल के जरिए वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए संबन्धित बैंक खातों की राशि तत्काल होल्ड करने के निर्देश दिए। बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी चेक के जरिए एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के बैंक खाते से आठ बार में 37.53 लाख रुपए की धोखाधड़ी कए जाने के मामले में बैंक प्रबंधन के तत्काल हरकत में आने और संबन्धित खातों में जमा राशि होल्ड होने के बाद पंजाब नेशनल बैंक के जरिये फर्जी चार चेक से स्थानान्तरित करीब 19 लाख और एक अन्य बैंक से नौ लाख रुपये की रकम वापस एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के स्टेट बैंक की बिश्रामपुर शाखा स्थित बैंक खाते में समायोजित की जा चुकी है। वहीं जानकारी के मुताबिक करीब 9.30 लाख रुपये की राशि को भी एसईसीएल के बैंक खाते में समायोजित किए जाने की प्रक्रिया जारी है। इस पूरे मामले में यह सवाल उठता है कि जिन दोनों बैंकों में एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र का फर्जी चेक जमा किया गया, उनके संबंधित कर्मचारियों को चेक के फर्जी होने का आभास कैसे नहीं हुआ। बैंक प्रबंधन से कितनी बड़ी चूक कैसे हुई। क्या इस मामले में बैंक के किसी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध है। इन सवालों को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है और कहां जा रहा है कि क्या इस मामले में बैंक के कथित कर्मचारी भी बेनकाब होंगे। एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के आठ फर्जी चेक के जरिए 37.53 लाख रुपये धोखाधड़ी करने के मामले में एसईसीएल के क्षेत्रीय प्रबंधन ने बिश्रामपुर थाने में शिकायत कर धोखाधड़ी करने वाले अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।