
कोलकाता 5 फरवरी। बंगाल के हावड़ा जिले में एक महिला ने अपनी बेटी की शिक्षा के लिए रुपये जुटाने के वास्ते पहले पति को 10 लाख रुपये में किडनी बेचने को मजबूर किया, फिर पूरा नकद पैसा लेकर प्रेमी संग फरार हो गई। सांकराइल के धूलागड़ी हाटतला के रहने वाले पिंटू ने अपनी पत्नी सुपर्णा बेज के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।दरअसल पुलिस को उसकी पत्नी को ढूंढने और अदालत में लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी क्योंकि युवक ने बंदी प्रत्यक्षीकरण मामला दायर किया था। लेकिन पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सुपर्णा ने पहले ही जांचकर्ताओं को लिखित रूप से सूचित कर दिया था कि वह स्वेच्छा से घर छोडक़र गई थी। उसका प्रेमी और वह अब पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा राय की खंडपीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि चूंकि महिला का पता चल गया है ।
और उसने स्वेच्छा से बांड दिया है कि वह अपने पति को छोड़ रही है इसलिए मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका अब प्रभावी नहीं होगी।युवक ने कोर्ट में शिकायत की थी कि उसकी पत्नी एक साल से किडनी बेचने और पैसे कमाकर घर बेहतर तरीके से चलाने और 12 साल की बेटी को अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए दबाव डाल रही थी। शिकायत के मुताबिक महिला फेसबुक पर मुलाकात के बाद पिछले एक साल से एक युवक के साथ प्रेम संबंध में थी।महिला ने कहा है कि वह अपने ससुरालियों पर वैवाहिक जीवन के 16 वर्षों के दौरान शारीरिक और मानसिक यातना देने का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा दायर करेगी। प्रेमी ने इस बात से इन्कार किया कि उसने (महिला) अपने ससुराल से कोई नकदी ली है और दावा किया कि वह केवल वही पैसे लेकर आई जो उसने बचाए थे।