सौंदर्यीकरण अभियान पर काम, लोगों से मिला था प्रस्ताव
कोरबा। स्वच्छता अभियान को लेकर एक बार फिर काम शुरू हो गया है। नगर निगम की मंशा है कि कोरबा को टॉप-5 रैकिंग में स्थान मिले, इसके लिए कई स्तर पर कोशिश की जा रही है। इस कड़ी में अप्पू गार्डन के सामने के हिस्से में सौंदर्यीकरण कराने यहां पर जमे ठेले-गुमटियों को हटा दिया गया, पर उन्हें अच्छा विकल्प देने की बात कही गई है। संबंधितों ने संक्षिप्त आपत्ति जताने के साथ यहां से अपना डेरा हटा लिया है।
निगम की टीम आज सुबह जेसीबी और स्टाफ के साथ पहुंची थी। खबर के मुताबिक स्थानीय स्तर पर अस्थाई दखल को हटाने को लेकर पहले से संकेत दिए गए थे ताकि लोग मानसिकता बना सके। अधिकारियों के निर्देश पर टीम ने यहां पहुंचकर अभियान शुरू किया। उक्तानुसार उन सभी ठेले गुमटियों को मुख्य मार्ग के पास 10-15 वर्षों से संचालित हो रहे खोमचा कारोबारियों को हटा दिया। उन्हें बताया गया कि इस जगह का सौंदर्यीकरण किया जाना है। स्थानीय पार्षद धनसाय साहू की मानें तो उन्होंने भी सौंदर्यीकरण किए जाने को लेकर बात रखी थी। जिसके अंतर्गत यह सब हो रहा है। उनके अनुसार जो लोग यहां पर लंबे समय से व्यवसाय कर जीविका चला रहे थे, उन्हें आसपास में ही बेहतर विकल्प देने के लिए अधिकारियों से बात हुई है और उन्होंने इस बारे में आश्वासन दिया है। इसलिए उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं।
गार्डन का भीतरी हिस्सा बदहाली का शिकार
कई योजनाओं को लेकर नगर निगम भारी-भरकम खर्च कर रहा है। सौंदर्यीकरण भी इसमें से एक है। हैरानी की बात यह है कि विवेकानंद उद्यान का भीतरी हिस्सा कई कारण से बदहाली का शिकार है। बच्चों के मनोरंजन के लिए स्थापित की गई टॉय ट्रेन की सेवाएं अधर में है। वहीं दूसरी सेवाओं का भी हाल कुछ अच्छा नहीं है। गर्मी के सीजन में वेबपूल शुरू होने पर यहां अच्छी-खासी चहल-पहल हुआ करती है। ठंड के मौसम में कई प्रकार की अव्यवस्थाओं केचलते लोग परेशान हैं। वे चाहते हैं कि इस तरफ ध्यान दिया जाए।
अवैध दुकानों ने सौंदर्यीकरण पर लगाया पलीता
उच्चाधिकारियों से लेकर स्थानीय और बाहर से आने वाले नागरिकों को कोरबा अच्छा लगे, इसके लिए सौंदर्यीकरण पर पर्याप्त राशि खर्च की जा रही है। इसके अंतर्गत सीएसईबी चौक से ट्रांसपोर्ट नगर तक रेलवे लाइन के किनारे विशेष काम किया गया। टीपी नगर चौक से शारदा विहार तक निगम ने जो व्यवस्था की उससे सौंदर्यीकरण तो जरूर हुआ लेकिन अब इसी की आड़ में बड़ी संख्या में अवैध दुकानें लग रही है। अज्ञात कारणों से इन्हें स्थाई रूप से हटाने और बंद कराने का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है जबकि ओपन थिएटर और बुधवारी का फुटपाथ बेजा कब्जा का समर्पित है।