जांजगीर चंापा। नवागढ़ ब्लाक के हाईस्कूल खोखरा में स्कूल तो खुल गया है पर स्कूल जाने के लिए सड़क नहीं है। जो सड़क है उसमें घुटने भर का कीचड़ है। जिसके चलते छात्र ऐसी सड़क को देखकर स्कूल में दाखिला नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते यहां की दर्ज संख्या नहीं के समान है। सड़क की मरम्मत के लिए स्कूल प्रबंधन समिति कई बार सरपंच व उच्चाधिकारियों को आवेदन दे चुके, लेकिन सरपंच का कहना है कि हमारे पास इसके लिए बजट नहीं है। जिस हाल में सड़क है उसी हालात में छात्र व शिक्षकों को स्कूल जाना पड़ेगा। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर हाईस्कूल खोखसा में स्कूल जरूर खुल गया है लेकिन बदहाल सड़क की वजह से छात्र-छात्राओं को स्कूल से लगाव नहीं है। दरअसल स्कूल बिल्डिंग का निर्माण ऐसे स्थान में किया गया है जहां सड़क ही नहीं है। कीचड़ से दलदल सड़क में आदमी क्या मवेशी भी स्कूल जाने घबराते हैं। ऐसे में स्कूल की दर्ज संख्या भी प्रभावित हो रहा है। क्योंकि खराब सड़क की वजह से आसपास के गांव के स्कूली छात्र भी यहां दाखिला देने के लिए कोताही बररते हैं। इधर स्कूल प्रबंधन समिति चाह रहा है कि यदि स्कूल जाने तक की सड़कों का निर्माण हो जाए तो दर्ज संख्या बढ़ सकती है लेकिन इसके लिए पंचायत में बजट रोड़ा बन रहा है। अलबत्ता स्कूल में छात्रों की दर्ज संख्या भी प्रभावित हो रहा है। किसी का हाथ टूटा तो किसी का गाड़ी बिगड़ा स्कूल जाने के रास्ते में घुटने भर का कीचड़ है। ऐसे रास्ते में आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। इसी रास्ते से बीते दिनों एक शिक्षक आवागमन कर रहा था तो एक शिक्षक बाइक से गिर पड़ा। जिसके चलते उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। इतना ही नहीं कीचड़ भरी सड़कों से आए दिन शिक्षकों की गाड़ी फंस रही है। जिसके चलते कोई शिक्षक भी यहां तक पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालते हंै। खासकर बारिश के दिनों में इस सड़क में घुटने भर का कीचड़ होने से स्कूल बंद की स्थिति नौबत आ जाती है। जनसहयोग से भी नहीं बन रही सड़क इस संबंध में स्कूल प्रबंधन सरपंच से बात करना चाहा तो सरपंच का कहना है कि पंचायत के पास सड़क की मरम्मत के लिए बजट का अभाव है। यदि पंचायत के पास बजट होता तो निश्चित ही सड़क बनवा देते। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरपंच चाहे तो जन सहयोग से उद्योगों का राखड़ या बजरी डालकर सड़क की मरम्मत करा सकते थे। लेकिन इसके लिए कोई पहल नहीं कर रहा है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। खराब सड़क शिक्षा की राह में रोड़ा एक ओर सरकार कह रही है कि शिक्षा की राह में किसी चीज का रोड़ा उत्पन्न नहीं होने देंगे, लेकिन एक छोटी सड़क के नाम से गांव के लोगों का शिक्षा से मोहभंग होने लगा है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि यदि सड़क सुगम होता तो आसपास के गांव के छात्र भी यहां पढ़ाई करने आते लेकिन बदहाल सड़क के नाम से यहां कोई एडमिशन कराने भी नहीं आ रहा है। जिससे स्कूल की दर्ज संख्या प्रभावित हो रही है। मालखरौदा के चिखली स्कूल में भी रास्ता नहीं मालखरौदा ब्लाक के प्राइमरी स्कूल व मिडिल स्कूल एक ही कंपाउंड में लगती है। इन दोनों स्कूलों के लिए आवागमन के लिए एक भी रास्ता नहीं है। जो रास्ता है उसमें घुटने भर पानी भरा है। जिसे पार कर सैकड़ो छात्र व शिक्षक स्कूल जैसे तैसे पहुंचते हैं। सड़क की मरम्मत के लिए सरपंच को ध्यान नहीं है। जबकि इसकी शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है। सड़क की मरम्मत के लिए पंचायत के पास बजट नहीं है। इसके लिए ग्राम पंचायत में प्रस्ताव किए हैं। सड़क की मरम्मत किया जाएगा। ताकि स्कूली छात्र व शिक्षकों का आवागमन सुगम हो सके। – विनोद राज, सरपंच खोखसा