कोरबा। शनिवार की शाम और रविवार को रात्रि 2 बजे से हुई झमाझम बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है और मौसम के तेवर बदल गए हैं। कुछ स्थानों पर एक दिन पहले ओलावृष्टि भी हुई। हवा की दिशा बदलने के कारण यह सब हुआ। ऐसे में जन सामान्य और किसानों के सामने मुश्किल है। दूसरी ओर कृषि विभाग का दावा है कि हमारे मैदानी अमले ने क्षेत्र में सर्वे किया है। हालिया बारिश के कारण कहीं कुछ नुकसान नहीं हुआ और फसल सुरक्षित है। जानकारी के अनुसार दक्षिण छत्तीसगढ़ में बने नए सिस्टम और हवा की दिशा में बदलाव होने की वजह से सभी जिलों में मौसम चक्र बिगड़ा है। इसी के असर से औद्योगिक तीर्थ कोरबा और इसके लगभग सभी क्षेत्रों में कल से शुरू हुई बारिश का सिलसिला दूसरे दिन भी कायम रहा। हालांकि तीन दिन पहले ही मौसम विभाग ने 11 और 12 फरवरी को बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था। अलर्ट जारी होने से काफी लोगों ने अपनी परिसंपत्तियों को बचाने पर ध्यान दिया। इन सबसे अलग हटकर किसानों के खेतों में कोई खास जतन नहीं किये जा सके। ऐसे में वहां मौजूद रबी सीजन की फसल के अलावा सब्जियों पर प्रभाव पडऩे की चिंता है। बदले हुए मौसम से आखिर कृषि सेक्टर पर क्या कुछ प्रभाव पड़ सकते हैं, यह जानने के लिए तरूण छत्तीसगढ़ ने कोरबा स्थित कृषि विभाग के उप संचालक अजय अनंत से बातचीत की। उन्होंने बताया कि नि:संदेह शनिवार और रविवार को बारिश हुई। कल के मुकाबले आज की बारिश ज्यादा थी। कई जगह पर ओलावृष्टि भी हुई। कृषि विभाग ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से उनके फील्ड की जानकारी ली है। प्राथमिक सर्वेक्षण में कहीं पर भी मौसम संबंधी कारण से फसल को नुकसान होने की खबर नहीं है।