जांजगीर चंापा। पामगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बिलारी भाटापारा में एक बुजुर्ग दंपत्ति भरी बरसात में टूटे-फूटे झोपड़े में रहने मजबूर हैं। बेसहारा बुजुर्ग दंपत्ति फुलेश्वरी बाई और महात्मा राम बंजारे बारिश में वहां रहने मजबूर हैं, क्योंकि पति पैरों से अपाहिज है और महिला गरीबी से लाचार। पामगढ़. इधर लगातार हो रही बारिश से कच्चा मकान ढहने की कगार में पहुंच गया है। जिससे दोनों डरे हुए हैं। बुजुर्ग दपंत्ति के मुताबिक उनका कोई और सहारा भी नहीं है। इसकी सूचना मिलने के बाद उनकी मदद के लिए भीम रेंजीमेंट फिर से सामने आया। उन्होंने प्रशासन को सूचना भी दी जिस पर प्रशासनिक अमला बुजुर्ग दंपत्ति से घर पहुंचा। जिपं सीईओ प्रज्ञा यादव, तहसीलदार अश्वनी चंद्रा, नायब तहसीलदार विभोर यादव ग्राम बिलारी पहुंचे और उनसे चर्चा की। अधिकारियों के द्वारा बुजुर्ग दंपत्ति को मकान की दूसरी व्यवस्था नहीं हो जाने तक रहने-खाने का इंतजाम सामुदायिक भवन में कराने की बात कही लेकिन महिला फुलेश्वरी बाई ने बताया कि उनके पति चल-फिर नहीं सकते। नित्यकर्म नहीं कर पाते। सामुदायिक भवन में कैसे रह पाएंगे। इस पर भीम रेजिमेंट के ब्लॉक अध्यक्ष दीपक मनहर ने बारिश तक बुजुर्ग दंपत्ति को अपने घर में रहने की बात कही तो बुजुर्ग तैयार हो गए हैं। बता दें, बुजुर्ग दंपत्ति का राशन कार्ड और पेंशन भी नहीं मिल रहा था। जिस पर करीब आठ माह पूर्व भीम रेजिमेंट ने आगे आकर मदद की जिस पर रप्रशासन ने राशनकार्ड और पेंशन प्रकरण तो बना दिया पर आवास की समस्या हल नहीं की। इस दौरान भीम रेजिमेंट के प्रदेश महामंत्री राजकुमार दिनकर, ब्लॉक प्रभारी पामगढ़ मनीष बर्मन, ब्लॉक अध्यक्ष पामगढ़ दीपक मनहर व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। वापसी में कीचड़ में फंसी सीईओ की गाड़ी ग्राम बिलारी के भाटापारा तक जाने वाली सड़क की हालात बहुत खराब है। करीब दस सालों से सड़क नहीं बनी है। करीब 200 मकान भाटापारा में है जिनके रहवासियों को चार माह बारिश में भारी तकलीफ होती है। इसमें लोग किस तरह चलते हैं यह प्रशासनिक अधिकारियों ने आज खुद देखा। ग्राम बिलारी जाते समय करीब एक किमी पहले गाड़ी छोडऩी पड़ी। किसी तरह पैदल चलकर अधिकारी गए। लेकिन वापसी के दौरान जिपं सीईओ प्रज्ञा यादव की गाड़ी कीचड़ में धंस गई। बड़ी मशक्कत के बाद जाकर गाड़ी बाहर निकली।