जांजगीर। सभी नगरीय निकायों को बारिश पूर्व ही नालों की सफाई करने का आदेश जिला प्रशासन के द्वारा दिया गया था लेकिन इस फरमान का जिला मुख्यालय में केवल औपचारिकता ही निभा दी गई है। वार्डो में गली-मोहल्लों की नालियां तो गंदगी से अटी ही पड़ी हुई है, मुख्य मार्गों में बड़े नाला तक गंदगी से बजबजा रहे हैं।
इधर बारिश का दौर शुरु होते ही इसका खामियाजा नगरवासियों को उठाना पड़ रहा है। बारिश होते ही नालियों की गंदगी सडक़ों पर फैल जा रही है। नालियों की सफाई की किस तरह औपचारिकता निभाई गई है इसका नजारा देखने वार्डो के गली-मोहल्लों में जाकर भी देखने की जरुरत नहीं है। नगरपालिका कार्यालय के चंद दूरी पर ही शारदा चौक में नाला भयंकर गंदगी से अटा पड़ा हुआ है। यही हाल नगर के लगभग अधिकतर वार्डो में है। गौरतलब है कि बारिश पूर्व नाला-नालियों की साफ-सफाई कराने नगरपालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। हालांकि इसके बाद जरुर कुछ दिनों तक मुख्य सडक़ों के नाला और वार्डो में नालियों में साफ-सफाई अभियान चलता नजर आया लेकिन ज्यादातर जगहों पर काम की खानापूर्ति कर सफाई कर्मचारी चलते बने।
खुली नालियां और टूटे ढक्कन आखिर क्यों नहीं दिखते
इसे विडंबना ही कहे कि जब नालियों की साफ-सफाई कराई जाती है कि वार्डों के गली-मोहल्लों में खुली नालियां और टूटे ढक्कन जिम्मेदारों को नजर कैसे नहीं आते। वार्ड क्रमांक 6 में डॉ. द्विवेदी वाली गली से घुसते ही गली में कई जगहों पर नालियों के ढक्कन टूट-फूट चुके हैं। कई जगहों पर नाली खुली पड़ी है जिसके चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई बार मवेशी और वाहन चालक गिरते-गिरते बचे। वार्ड पार्षद अमित यादव ने बताया कि उन्होंने खुद इसकी सूचना कई बार नपाध्यक्ष और सीएमओ को मौखिक व लिखित दी है लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता आ रहा है। सफाई कर्मचारियों को खुद पकडक़र लाना पड़ता है तब जाकर तो साफ-सफाई हो पाती है।
टुकड़ों में नाली बनाने करोड़ों फूंक दिए पर निकासी नहीं
नगरपालिका के द्वारा हर साल वार्डो की गली-मोहल्लों में नाली बनाने के लिए लाखों-करोड़ों का काम कराया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद बरसात में जलजमाव की समस्या खत्म नहीं हो रही। क्योंकि एक गली में नाली बनती है तो दूसरी गली में नहीं। ऊपर से नाली किसी बड़े नाले में कनेक्ट नहीं है। लिहाजा वार्ड का पानी आसपास ही भरता है। वार्ड क्रमांक 17 में हाल ही नाली बनाई गई है जिसे हाईस्कूल के पीछे बड़ा गड्ढा खोदकर जोड़ दिया है। सारा पानी अभी उसी में जमा हो रहा है।