रायपुर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भले ही कोई नाम सीएम के लिए सामने नहीं किया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में पार्टी बराबर महत्व दे रही है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भले ही कोई नाम सीएम के लिए सामने नहीं किया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में पार्टी बराबर महत्व दे रही है।आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भले ही कोई नाम सीएम के लिए सामने नहीं किया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में पार्टी बराबर महत्व दे रही है। हर बड़े कार्यक्रम और बैठकों में रमन सिंह की महत्ता बराबर बनी हुई है। हर बड़े कार्यक्रम के पोस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा रमन सिंह की फोटो लगाई जा रही है। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ की चुनावी कमान संभालने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर आए तो उन्होंने रमन सिंह को बराबर महत्व दिया।प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के अलावा राज्य के जिन नेताओं से शाह ने गोपनीय बैठक की उनमें रमन सिंह ही प्रमुख नाम थे। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में प्रदेश के किसी नेता को बोलने का अवसर मिला तो वे केवल रमन सिंह थे। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने स्वागत भाषण दिया और उसके बाद केवल रमन सिंह को ही मंच दिया गया। पिछले दिनों हुए धरना प्रदर्शन का बाकायदा रमन सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेतृत्व किया।महत्वपूर्ण बात यह भी है कि छत्तीसगढ़ के मामलों में होने वाली रणनीतिक बैठकों में भी रमन सिंह उतने महत्वपूर्ण बने हुए हैं। राजनीतिक हलकों में इसीलिए माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का चेहरा प्रमुखता से सामने है। अलबत्ता पार्टी की ओर से बार-बार यह स्पष्ट किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने कुछ समय पहले प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी विष्णुदेव साय से लेकर अरुण साव को सौंपी है और धरमलाल कौशिक की जगह नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष का पद दिया गया है। यह बदलाव होने के बाद पार्टी में ऐसी चर्चाएं बलवती हो गई थीं कि पुराने नेताओं को अब उतनी तवज्जो नहीं दी जाएगी।पिछले दो तीन महीने के घटनाक्रम और बैठकों का सार यह भी निकलकर आया है कि बाकी नेता भले ही उतने वजनदार नहीं रहे लेकिन रमन सिंह को पार्टी ने बराबर महत्व दिया है। इसके पीछे एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि रमन सिंह तीन बार के मुख्यमंत्री हैं। 15 सालों तक उन्होंने सरकार चलाई है। वे छत्तीसगढ़ को भलीभांति समझते हैं।इसके अलावा वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इस कारण पार्टी फोरम में उनका कद हमेशा बना रहेगा। हालांकि पार्टी के तमाम नेता इस बात को रमन सिंह की वरिष्ठता से जोड़कर देख रहे हैं। उनका यह भी कहा है कि बैठकों या कार्यक्रमों में महत्व देने का अर्थ यह नहीं है कि रमन ही मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा होंगे। प्रदेश प्रभारी और छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी ओम माथुर का कहना है कि अभी तो हम कमल के फूल को आगे करके चुनाव लड़ेंगे। जहां तक रमन सिंह की बात है, वे सीनियर लीडर हैं। उनके अनुभव का लाभ हमको मिलेगा। अभी किसी चेहरे पर कोई बात नहीं हुई है। सबका साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे और बाद में तय करेंगे कि हमारा नेता कौन होगा।