नईदिल्ली, 10 जुलाई । भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें हिमाचल में हुईं। इसके अलावा, यूपी में 8, उत्तराखंड में 6, दिल्ली में 3, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व पंजाब में दो-दो की जान गई। हिमाचल के मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। दिल्ली में 41 साल बाद जुलाई में एक दिन में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि राजधानी दिल्ली समेत मैदानी राज्यों की सड़कें पानी में डूब गई हैं। इसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब, हिमाचल के मुख्यमंत्री और दिल्ली व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से बातकर हालात से निपटने में केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। बादल फटने के बाद ब्यास नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से कुल्लू-मनाली में कई गाडिय़ां बह गईं। भूस्खलन से मनाली-लेह, चंडीगढ़-मनाली समेत पांच नेशनल हाईवे, 736 सड़कें बंद हो गई हैं। हेरिटेज कालका-शिमला ट्रैक पर मलबा गिरने से ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है