कोरिया। मानसून के साथ ही टमाटर भाव खाने लगा है। टमाटर का दर उच्चतम रिकार्ड बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। रविवार को अंबिकापुर शहर में टमाटर ने पिछले कई वर्षों के रिकार्ड तोड़ दिए। फुटकर बाजार में टमाटर 150 रुपये प्रति किलो पहुंच गया। स्थानीय स्तर पर उत्पादन नहीं होने के कारण टमाटर के दाम अभी कम होने की संभावना भी नहीं है। जिस तरह से टमाटर के दाम में आग लगी हुई है उससे पूरी संभावना है कि टमाटर के दाम एकाध सप्ताह के बाद 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा। पिछले कई वर्षों से मानसून के सीजन में उत्तर छत्तीसगढ़ में टमाटर के दाम में वृद्धि होती रही है लेकिन यह अधिकतम 60 से 80 रुपये प्रति किलो तक की रहता है लेकिन इस बार अचानक दाम में हुई बढ़ोतरी से ग्राहक परेशान हैं। सब्जी विक्रेताओं की माने तो स्थानीय स्तर पर दाम नियंत्रण का उपाय संभव नहीं है। थोक मंडियों में ही ऊंचे दर पर टमाटर बिक रही है। स्थानीय स्तर पर किसानों ने टमाटर की खेती जरूर की है लेकिन पैदावार में अभी विलंब है। बताया जा रहा है कि जून महीने तक उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थानीय उत्पाद बाजार में आ रहा था। उस दौरान अधिकतम 40 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बिक रहा था।
वर्षा शुरू होते ही टमाटर का पैदावार बंद हो गया। दक्षिण के राज्यों से टमाटर की आपूर्ति शुरू हुई। जुलाई के पहले हफ्ते में ही दाम 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। अब टमाटर के भाव हर सप्ताह बढ़ते जा रहे हैं।कुछ दिनों तक टमाटर 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिका।अब यही टमाटर 150 से 160 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। टमाटर के दाम बढऩे का असर रसोई पर भी दिखने लगा है।
पहले लोग किलो – दो किलो टमाटर एक साथ लिया करते थे लेकिन अब सब्जियों की शान माने जाने वाली टमाटर की पूछ परख ज्यादा हो रही है और खरीदी करने वाले गिनती के लोग होते हैं। आसमान छूती कीमतों के कारण लोग अब किलो की जगह पाव या आधा किलो टमाटर ही खरीद रहे हैं। टमाटर धीरे-धीरे लोगों के रसोई और थाली से गायब हो रहा है। आने वाले समय में टमाटर और लाल हो सकता है।