नईदिल्ली, ३१ मार्च । धार। मध्य प्रदेश में धार के ऐतिहासिक भोजशाला में नौवें दिन शनिवार को रंगपंचमी पर भी एएसआइ का सर्वे जारी रहा। इसके तहत भोजशाला के दक्षिण भाग में एक नए स्थान पर खोदाई शुरू की गई, इसके साथ ही 50 मीटर के क्षेत्र को केंद्रित करते हुए विभिन्न स्थलों का दस्तावेजीकरण किया गया। जिस तरह खोदाई कार्य चल रहा है, उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भोजशाला के नीचे एक तलघर हो सकता है।प्राथमिक रूप से यह सामने आया है कि 10-15 फीट गहराई तक की खोदाई में भोजशाला की नींव नहीं मिल पा रही है। इसी से अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पर एक तलघर हो सकता है और नींव अधिक गहराई तक हो सकती है। यदि यहां तलघर निकलता है तो कई नई बातें सामने आ सकती हैं।तलघर की संभावना के चलते सावधानी से कार्य किया जा रहा है। हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ के आदेश पर भोजशाला का सर्वे कार्य 22 मार्च से किया जा रहा है। वाराणसी के ज्ञानवापी में जिन सात विशेषज्ञों ने काम किया था, वे यहां पहुंच चुके हैं और अपना कार्य शुरू कर दिया है।बता दें कि हि?ंदुओं के मुताबिक भोजशाला सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी और अंग्रेज अधिकारी वहां लगी वाग्देवी की मूर्ति को लंदन ले गए थे। भोजशाला की बुनियाद और उसकी प्राचीनता का पता लगाने के लिए तीन स्थानों पर खोदाई हो रही है। पिछले हिस्से की दो जगहों पर करीब 15-15 फीट तक गड्ढे किए जा चुके हैं, जबकि एक अन्य गड्ढा 10 फीट से अधिक गहरा हो चुका है। शनिवार को चौथे स्थान पर खोदाई शुरू हुई है।याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। भोजशाला एक मंदिर है और इसके प्रमाण मिलने लगे हैं। उधर, मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने बताया कि हम इस मामले में कोर्ट में जा रहे हैं। सर्वे को लेकर कुछ मामलों में हमारी आपत्ति है।