मुंबई। महाराष्ट्र में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का मुस्लिम प्रेम बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस पर उनके दो साथी दलों भाजपा और शिवसेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही, लेकिन कांग्रेस की चुनौती जरूर बढ़ती दिखाई दे रही है। अजीत पवार ने दो दिन पहले ही बयान दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने कोटे की 10 प्रतिशत सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों को देंगे। इस बयान पर उनके सहयोगी दलों भाजपा और शिवसेना की ओर से तो अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) की ओर से उन्हें भाजपा का साथ छोड़कर घर वापसी करने का न्योता जरूर दिया जाने लगा है। यह न्योता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई की ओर से दिया गया है।
कुछ राजनीतिक विश्लेषक अजीत पवार के इस बयान को उनके साथी दलों के साथ वैचारिक मतभेद के रूप में देख रहे हैं। लेकिन उनका यह बयान विपक्षी गठबंधन मविआ में मुस्लिम उम्मीदवारी को लेकर एक चुनौती भी बन सकता है। खासतौर से कांग्रेस जैसे बड़ी और राष्ट्रीय पार्टी के लिए।याद करना प्रासंगिक होगा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने एक बार यह कहते हुए पार्टी का प्रचार करने से मना कर दिया था कि महाविकास आघाड़ी की ओर से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं दिया गया।