नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के नेताओं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। महाराष्ट्र में महायुति के शीर्ष नेताओं की शाह से देर शाम यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत अहम पड़ाव पर है। बताया जाता है कि यह बैठक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए हुई। महायुति में भाजपा के अलावा शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल है। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव में अगर विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) जीत गया तो महाराष्ट्र हार जाएगा क्योंकि एमवीए केंद्र सरकार की मदद नहीं लेगा और वह राज्य को बर्बाद कर देगा।उधर, राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों को नोटिस भेजे हैं जिनमें उनसे कुल 1,752 ऐसी पोस्ट हटाने के लिए कहा गया है जिनमें मतदाताओं में भ्रम फैलाने के लिए फेक न्यूज दी गई है। इसके बाद 300 से ज्यादा पोस्ट डिलीट भी कर दी गईं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। प्रदेश में 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार प्रेस कॉन्फेंस में तारीख का एलान किया। 288 सीटें पर विधानसभा चुनाव होना है। वहीं, 23 नवंबर को मतगणना होगी।चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में नामांकन करने की तारीख 22 अक्टूबर तय की है। वहीं इसकी आखिरी तारीख 29 अक्टूबर रखी गई। वही नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर है और वोटिंग की तारीख 20 नवंबर और नतीजों की तारीख 23 नंवबर है। मौजूदा समय में महाराष्ट्र विधानसभा की बात करें तो 288 विधानसभा सीटों में सत्तापक्ष यानी महायुति गठबंधन के पास 218 सीटें हैं।महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे पर दोनों प्रमुख गठबंधनों में घमासान मचा हुआ है। कई दलों में भगदड़ जैसा माहौल है, तो विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस में तकरार शुरू हो गई है।दावा किया जा रहा है कि महाविकास आघाड़ी में 260 से अधिक सीटों पर सहमति बन गई है, लेकिन इसी के साथ कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) में कुछ सीटों को लेकर अनबन भी दिखाई दे रही है। बात यहां तक पहुंच गई है कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता अब सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से बात भी नहीं करना चाहते।