सिलीगुड़ी। मां दुर्गा के क्षमा याचना श्लोक में उल्लिखित है “कुपुत्रो जाएत, क्वचिदपि कुमाता न भवति।” अर्थात, भले ही पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती। मगर, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला के सिलीगुड़ी शहर में 38 नंबर वार्ड अंतर्गत सुकांत नगर में एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जो उपरोक्त मानवीय कथन के एकदम विपरीत है। वह यह कि एक कलयुगी मां ने अपनी मात्र 25 दिन की नन्ही-मासूम बच्ची को जिंदा कुंए में फेंक दिया और बच्ची के प्राण पखेरू उड़ गए। इस अविश्वसनीय मामले ने हर किसी का दिल दहला दिया है और इलाके में सनसनी फैल गई है।
यह मामला मंगलवार भोर का है। मासूम बच्ची व उसके पिता दोनों गहरी नींद में थे। उसी समय बच्ची की मां उसे वहां से उठा ले गई और कुंए में फेंक आई। सुबह जब पिता की आंख खुली तो बच्ची को न पा घर में हंगामा मच गया तब मां ने अपना गुनाह कबूला कि उसने बेटी को कुंए में फेंक दिया है। आनन-फानन आपात सेवा व अग्निशमन विभाग एवं पुलिस को सूचना दी गई।
वहां का एक दस्ता मौके पर आया और बच्ची को कुंए से निकाला। पिता अपनी प्यारी पुत्री को ले अस्पताल पहुंचा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहां डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में भक्ति नगर थाना के आशीघर पुलिस आउटपोस्ट की पुलिस ने आरोपित मां को गिरफ्तार कर लिया है।