कोरबा। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका केप्राचार्य एवं शिक्षाविद डॉक्टर संजय गुप्ता ने शिक्षक अभिभावक सम्मेलन के महत्व पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि यदि हम प्रत्येक असेसमेंट के पश्चात पीटीएम में आकर शिक्षकों से सतत संवाद स्थापित करते हैं तो बेशक हमें अपने बच्चों के स्तर के बारे में पता चलता है। हम उसकी प्रगति का आकलन सतत रूप से करते जाते हैं। शिक्षक भी यदि विद्यार्थी के संबंध में माता-पिता से बात करना चाहते हैं तो उनके समक्ष पारदर्शी संबंध स्थापित होती है। सतत पेटीएम अटेंड करने से शिक्षक , विद्यालय एवं अभिभावकों के मध्य एक प्रकार का प्रगाढ़ संबंध स्थापित होता है। किसी के मन में किसी भी प्रकार की कोई दुविधा की संभावना ही नहीं रहती। यदि किसी विषय में विद्यार्थी को समस्या है तो हम उस विषय शिक्षक से जाकर बात कर विद्यार्थी की समस्या का तुरंत निराकरण पाते हैं। पीटीएम का सबसे बड़ा फायदा यह भी होता है कि शिक्षक, विद्यालय और अभिभावकों के मध्य एक विश्वसनीयता कायम हो जाती है।विद्यार्थी के शैक्षणिक एवं मानसिक विकास हेतु विद्यालय, शिक्षक एवं अभिभावकों की थ्री आयामी प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक होती है। सरल शब्दों में कहें तो शिक्षक ,अभिभावक सम्मेलन से विद्यार्थियों का हित ही होता है। हम विद्यार्थी की कमी और खूबी से भली-भांति परिचित हो जाते हैं। और सरल शब्दों में कहें तो पीटीएम वह दर्पण होता है जिस पर हम विद्यार्थी के अक्स को साफ-साफ झांक पाते हैं।स्कूल में हर महीने पैरेंट्स टीचर मीटिंग यानी पीटीएम होती है। पैरेंट्स के लिए बेहद जरूरी है इसे अटेंड करना ताकि आपको अपने बच्चे की प्रॉग्रेस के बारे में पता चल सके। आप स्कूल जाकर टीचर से सवाल कर सकते हैं।ऐसा करने से वे अपने बच्चे की ओवरऑल प्रोग्रेस रिपोर्ट से वाकिफ हो सकेंगे।पीटीएम का यह उद्देश्य कतई नहीं होता कि अभिभावक और शिक्षक आपस में भिड़ जाएं। बल्कि शिक्षक तो समाज या राष्ट्र का वह शख्स होता है जो विद्यार्थी को सही दिशा पर ले जाकर उसका भविष्य बनाता है। अत: कभी भी पीटीएम में किसी शिक्षक से उलझना नहीं चाहिए ।किसी शिक्षक से, या विद्यालय से कोई व्यक्तिगत समस्या है तो शांतिपूर्वक उसका हल पाने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षक अभिभावक सम्मेलन में विद्यालय शिक्षक और अभिभावक तीनों का आपसी सामंजस्य व सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण कारक होता है।छात्रों का प्रदर्शन माता-पिता और शिक्षकों के संयुक्त प्रयास पर निर्भर करता है ।लगातार संवाद से बच्चे के व्यक्तिगत विकास और समग्र कल्याण में भी मदद मिलती है। इसलिए, अभिभावक-शिक्षक बैठकें आवश्यक हैं और यह उन कई कारकों में से एक है जो बच्चे के स्वतंत्र रूप से बढऩे और विकसित होने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करते हैं।कभी भी विद्यालय में पीटीएम आयोजित होता है तो हमें यह प्रयास अवश्य करना चाहिए कि अपने लिए ना सही ,विद्यार्थियों के भविष्य के लिए, विद्यालय आना आवश्यक हैं। यह उनकी प्रगति से, उनके व्यवहार से, उनके क्रियाकलाप से परिचित होने हेतु आवश्यक है। एक जिम्मेदार अभिभावक होने के नाते यह हमारा नैतिक एवं अनिवार्य कर्तव्य है कि हम शिक्षक अभिभावक सम्मेलन का हिस्सा बनें।कभी भी पीटीएम अटेंड करने से ना चुके। यह आपके बच्चे के भविष्य के लिए संजीवनी साबित होता है।