जम्मू, २३ अगस्त ।
लद्दाख में खुबानी फल उत्पादकों के जीवन में खुशहाली ला रही है। मिठास के लिए मशहूर लद्दाखी खुबानी को देश के विभिन्न बाजारों में बेचकर उत्पादक मालामाल हो रहे हैं। विदेश में लद्दाखी खुबानी की बड़ी मांग है। इसका मूल्य 200 से शुरू होकर दो हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक है।यह खराब होने पर भी कीमती है। इसके फल के अंदर की गिरी बादाम की तरह है जिसका तेल निकाला जाता है। लद्दाख की खुबानी अब किसी भी हाल में कश्मीरी केसर से पीछे नहीं है। आम खुबानी 200 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक में मिल रही है। हलमन किस्म की खुबानी बाजारों में 400 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। रक्तसे कारपो किस्म की खुबानी को जियो टैग मिल चुका है। गुणवत्ता पर सुखाई खुबानी बाजार में 500 से दो हजार तक बिकती है। लद्दाख में हर साल 16 हजार टन खुबानी की पैदावार होती है।लद्दाख में खुबानी फल का सीजन करीब 40 दिन का होता है। ऐसे में फल के पकने के बाद पांच दिन के बाद यह खराब होने लगता है। इस समय लद्दाख में इस फल की प्रोसंसिंग को बढ़ावा देने के साथ कोल्ड स्टोरेज बनाने के साथ सप्लाई के कोल्ड चैन बरकरार रखने वाले वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है।
लद्दाख बागवानी विभाग के निदेशक सिवांग फुंत्सोग ने बताया कि अगस्त में अब तक लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों से से देश के विभिन्न बाजारों तक 50 मीट्रिक टन से अधिक ताजी खुबानी पहुंचाई गई है। खुबानी को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने का सिलसिला अभी चलेगा। इस समय लद्दाख से खुबानी को सडक़ मार्ग के साथ हवाई मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों तक भेजने का सिलसिला जारी है। किसान इस सीजन में बाजार में बेचने के लिए दो हजार टन के करीब सुखाई खुबानी भी तैयार करेंगे। गुणवत्ता पर सुखाई खुबानी बाजार में 500 रुपये से दो हजार तक बिकती है। ऐसे में लद्दाख के किसानों की कमाई पहले से बेहतर हो गई है।इस समय लद्दाखी पुरुष बागों से खुबानी फल तोडक़र देश के विभिन्न बाजारों तक पंहुचाने की दिशा में जुटे हैं तो महिलाएं धूप में खुबानी सुखा कर बिक्री के लिए तैयार कर रही हैं। सुखाई खुबानी से निकले बादाम व्यर्थ नहीं जाते। इनकी गिरी से निकाले जाने वाला तेल बाजार में बेचा जाएगा।
ऐसे में सितंबर तक खुबानी का फल लद्दाख के किसान परिवारों को व्यस्त रखेगा। लेह में खुबानी फल पैदा करने वाले किसान ताशी का कहना है कि हम समूह बनाकर खुबानी को लद्दाख से बाहर बेचने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस समय सरकार सडक़ व विमान से खुबानी को देश के अन्य हिस्सों में भेजने के लिए सब्सिडी दे रही है।लद्दाख प्रशासन खुबानी फल की पैकेजिंग, प्रोसेसिंग यूनिटों को बढ़ावा दे रहा है। पिछले चार वर्षों में खुबानी को लद्दाख से बाहर ले जाकर बेचना आसान हो गया है। इसके साथ सुखाई गई खुबानी भी बेची जाती है। लद्दाख में 20 हजार परिवार खुबानी फल की पैदावार से जुड़े हैं। पंजीकृत किसानों को लद्दाख प्रशासन हर संभव सहयोग दे रहा है।लद्दाख की खुबानी को देश के बड़े बाजारों में बहुत पसंद किया जा रहा है। दुबई का लुलू ग्रुप भी खुबानी फल खरीदने में दिलचस्पी दिखाता है। इस समय मुंबई, दिल्ली, बंगलूरू जैसे बाजारों की जरूरत को ही पूरा करना मुश्किल हो रहा है।