मंजिल को प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक स्वास्थ्य का जीवन में होना आवश्यक
अकलतरा। स्वामी विवेकानंद के जन्म जयंती के अवसर पर कोटमीसोनार में ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा युवाओं को आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए प्रेरित किया गया।
युवाओं को संबोधित करते हुए राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा ने कहा कि युवा जीवन का वह स्वर्णिम काल है जब हमारे अंदर ओज पूर्ण शक्ति पर होता है, शारीरिक व मानसिक बल भी पूर्ण होता है, ऐसे स्वर्णिम काल में अपनी चेतना को सतत एक ऊंचे लक्ष्य की ओर अग्रसर करने हेतु, बिना भटकाव के अपने ऊंचे मंजिल को प्राप्त करने हेतु आध्यात्मिक स्वास्थ्य का जीवन में होना अति आवश्यक है। आध्यात्मिकता सकारात्मक आत्म- पहचान विकसित करने का मौका प्रदान करता है और अपने
अंदर बदलाव लाने के लिए हम स्वयं की चेकिंग कर पाते हैं एवं महत्वपूर्ण चुनौतियां और बदलावों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना आसान हो जाता है। आध्यात्मिकता और युवाओं के
बीच सकारात्मक संबंध की खोज करना बहुत जरूरी है मैं कौन हूं, इस छोटी सी पहेली को स्वामी विवेकानंद ने सुलझाया और वह नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद जी बन गए और उन्होंने अध्यात्म का परचम सारे विश्व गगन में फहराया। वर्तमान समय युवा वर्ग को भी इस पहेली को सुलझाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान सभी युवाओं ने मोमबत्ती जलाकर राजयोग का अभ्यास कर स्वर्णिम भारत बनाने में योगदान देने हेतु संकल्प लिया। ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा ने देखना जो चाहते हो उनकी उड़ान को करना पड़ेगा ऊंचा और आसमान को गीत पर आध्यात्मिक स्वास्थ्य हेतु अभ्यास कराया। कुमारी सुरेखा एवं कुमारी रेखा के द्वारा उठो जगत के वास्ते बुला रहे हैं रास्ते व उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती गीत पर नित्य कर युवाओं को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित युवाओं का सम्मान तिलक लगाकर एवं बैच पहनाकर किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे।