गोरखपुर। गोरखपुर उत्सव सा उल्लास था, अपने चहेते नेता के स्वागत का उत्साह था। कहीं ढोल-ताशे बज रहे थे तो कहीं नृत्य के लिए पांव थिरक रहे थे। उल्लास व उत्साह की प्रामाणिकता पर मुहर रह-रह कर लगने वाले नारों की गूंज लगा रही थी। वर्षा भी इस उत्साह के सामने पिछले पांव पर नजर आ रही थी। शहर का यह माहौल इसका प्रमाण है कि गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेने और वंदे भारत ट्रेन को रवाना करने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गुरु गोरक्षनाथ की नगरी में अभूतपूर्व स्वागत हुआ। ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ का नारा चरितार्थ हुआ। अगर लोग मोदी की एक झलक पाने को उत्सुक दिखे तो मोदी भी इस अद्भुत स्वागत से अभिभूत दिखे। शुक्रवार का दिन कुछ खास था, इसका अहसास शहर की सजावट और लोगों की सक्रियता सुबह से ही करा रही थी। एयरपोर्ट से लेकर गीताप्रेस और फिर गीताप्रेस से लेकर रेलवे स्टेशन के बीच के मार्ग पर प्रधानमंत्री के स्वागत की व्यवस्था मुकम्मल इंतजाम पर मुहर लगा रही थी। मोदी को उस मार्ग से गुजरना तो दोपहर ढाई बजे से था लेकिन उनके स्वागत के लिए लोगों ने अपनी जगह सुबह 10 बजते-बजते सुनिश्चित कर ली थी। अब इंतजार था तो निर्धारित मार्ग से मोदी के गुजरने का। वह भी घड़ी आ गई, जब मोदी एयरपोर्ट से निकले। एयरपोर्ट गेट से ही शुरू हो गया नारों और पुष्पवर्षा से मोदी के स्वागत का सिलसिला। गंतव्य के लिए उनका काफिला आगे बढ़ता रहा, स्वागत का क्रम चलता रहा।