जांजगीर चांपा। बम्हनीडीह-बिर्रा क्षेत्र के 400 से भी अधिक किसानों ने शुक्रवार 6 दिसंबर को जिला पंचायत सभापति गगन जयपुरिया के नेतृत्व में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं कलेक्ट्रेट से पद यात्रा करते हुए जल संसाधन विभाग पहुंचकर जमकर नारेबाजी की।
किसानो का कहना है कि 26 नवंबर को संपन्न हुई जिला जल उपयोगिता समित की बैठक में निर्णय लिया गया है कि चाम्पा शाखा नहर के अंतर्गत आने वाले बम्हनीडीह – बिर्रा क्षेत्र के किसानो को रबी फसल के लिये पानी नहीं दिया जायेगा। पिछले तीन वर्षों से नहर मरम्मत का हवाला देकर रबी फसल के लिये बम्हनीडीह बिर्रा क्षेत्र में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे 5000 हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्रो में किसान अपने खेतो की बुवाई नहीं कर पा रहे है, वहीं इसी जिले के अन्य क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष रबी फसल के लिये लगातार पानी दिया जा रहा है। गगन जयपुरिया ने कहा कि जांजगीर- चाम्पा जिला पूर्णत: कृषि प्रधान जिला है।
रबी फसल किसानों के आर्थिक विकास के साथ साथ खेतो में काम करने वाले हजारो मजदूरो की रोजी-रोटी का भी साधन है। फसल नहीं होने से वही मजदूर पलायन के लिये विवश होते हैं। बच्चों की पढाई छूट जाती है, घर छुट जाता है, खेत गिरवी रखा जाता है। गांव में नहीं रहने से शासकीय योजनाओ से मिलने वाले चावल से लेकर आवश्यक सारी अन्य सहायता भी छुट जाती है। जांजगीर से चाम्पा जिला मुख्यत: किसानों का जिला है, यहां के लोगों के पास कृषि के अतिरिक्त आय का और कोई मुख्य स्रोत नहीं है। सभी लोग कृषि पर ही निर्भर है।
पिछले वर्ष भी जब रबी फसल के लिये पानी मांगा गया था तब जिला प्रशासन द्वारा यह कहा गया था कि अगले वर्ष निश्चित रूप से पानी दिया जायेगा, अब फिर इस वर्ष पानी मांगने पर फिर से अगली बार का आश्वासन दिया जा रहा है। क्षेत्र के किसान इन सब बातों को देखते हुए अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। किसानों ने कहा है कि यदि प्रशासन तीन दिनों में पानी देने की सूचना नहीं जारी करती है तो हम फिर चक्का जाम अथवा अन्य आन्दोलन करने के लिये विवश होंगे। कलेक्ट्रेट और जल संसाधन के कार्यालय में तालदेवरी, बोरसी, गतवा, सेमरिया, बंसुला, नकटीडीह तथा कपिस्दा आदि ग्राम के किसान उपस्थित थे।