जनकपुर। एमसीबी जिले के भरतपुर ब्लाक अंतर्गत रांपा उपार्जन केंद्र में प्रभारी प्रबंधक की मनमानी से अन्नादाता परेशान है, यहां अपनी धान को बिक्री करने के लिए आने वाले किसान सूजा, सुतली व कांटा तक के लिए तरस रहे है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी खानापूर्ति के तर्ज पर केंद्र का दौरा तो करते है लेकिन किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते है। जबकि मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन द्वारा प्रबंधकों की बैठक कर लगातार निर्देश दिया जा रहा है कि धान खरीदी केंद्रों में आने वाले किसानों की बैठक व्यवस्था, पीने के साफ पानी की व्यवस्था करना है। शासन का यह भी निर्देश है कि किसान अपनी धान को खरीदी केंद्र में लेकर आएगा उसके बाद खरीदी केंद्रों के मुखिया, लैम्प्स प्रबंधक सहित वहां तैनात टीम अपने मजदूरों के माध्यम से धान को पलटी करेगा, बारदाना में भरेगा, वजन करेगा और व्यवस्थित करेगा। लेकिन रांपा धान उपार्जन केंद्र के प्रभारी प्रबंधक अरविन्द पांडेय द्वारा खुलेआम मनमानी करते हुए किसानों का शोषण व अन्याय कर रहा है। रांपा खरीदी केंद्र में धान को लेकर आने वाले किसान बंसधारी सिंह, विजयचंद बैगा, सुन्दर लाल यादव, कुंवर सिंह, राजेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, दिनेश सिंह सहित अन्य किसानों का कहना है कि यहाँ का प्रबंधक अरविन्द पांडेय ऊपर तक पहुंच होने की बात बोलकर हम लोगों के साथ अन्याय कर रहा है। उपार्जन केंद्र से हम लोगों को सूजा, सुतली व कांटा तक नहीं दिया जाता है। यहाँ सब ऐसे ही चलता है, यहां हम किसानों की परेशानी को कोई देखने व सुनने वाला नहीं है। प्रबंधक द्वारा हम किसानों से 1 बोरी में 41 किलो 200 ग्राम धान की तौल कराई जाती है, जबकि पैसा 40 किलो धान का ही मिलता है, बाकि के 1 किलो 200 ग्राम धान वारदाना (जूट का बोरा) के नाम पर काट लिया जाता है किन्तु उस जूट के बोरे का अधिकतम वजन मात्र 700 ग्राम ही होता है। रांपा खरीदी केंद्र में अधिकारी आए दिन दौरा तो कर रहे हैं लेकिन प्रबंधक द्वारा किया जा रहा इस तरह की अनियमितता को वे अनदेखा करके चले जाते हैं। जिससे हम किसानों की परेशानी व शोषण लगातार जारी है। रांपा धान खरीदी केन्द्र में किसानों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की सुविधा है।