
जांजगीर-चांपा। राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर विभिन्न विभागों में प्रभार वाद की परम्परा समाप्त कर पदोन्नति से भरने की मांग की है। संघ के प्रदेश महामंत्री अश्वनी चेलक ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में प्रभार वाद की परम्परा समाप्त कर पूर्ण कालिक अधिकारियो की नियुक्ति किया जावे। शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक ज्ञान सिंह राजपूत ने प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार तिवारी से प्रभार वाद समाप्त कराने का निवेदन करते हुए प्रभार वाद समाप्त कराने की मांग की है। प्रदेश के शिक्षा विभाग में जिलों का प्रभार वरिष्ठ प्राचार्यो को दे दिया गया है विकास खंड शिक्षा अधिकारियों के प्रभार पर व्याख्याता कार्य कर रहें हैं। प्रदेश के 50 प्रतिशत से भी अधिक हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल प्रभारी प्राचार्यों के माध्यम से चल रहा है वरिष्ठ व्याख्याताओं ने शासन की व्यवस्था अव्यवस्थित न हो इस हेतु व्याख्याता एवं प्राचार्य का अतिरिक्त कार्य कर रहें हैं। प्रदेश में प्राचार्य के लगभग 3500 पद रिक्त हैं, पात्र होने के पश्चात भी वे पदोन्नति नहीं होने के कारण शासन के द्वारा प्रदाय अतिरिक्त प्रभार का बोझ ढो रहें हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार तिवारी ने प्रदेश संयोजक शिक्षा ज्ञान सिंह राजपूत व विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्ष कोरबा से एस एन शिव जांजगीर से अनुभव तिवारी, रायगढ़ से गणेश साहू बेमेतरा से नंदेश्वर साहू दुर्ग से शशिभूषण शर्मा, धमतरी से खुमान सिंह बस्तर से प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रमाई लाल सार्वा से चर्चा कर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर प्रदेश में पदोन्नति के माध्यम से रिक्त पदों को भर कर प्रभार वाद समाप्त करने की मांग की है। बगैर पूर्ण कालिक अधिकारी के समूचे छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आ रही है। पदाधिकारियों का कहना है कि पदोन्नति नहीं होने पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह में संगठन आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।