कोरबा। कठिन समय पर दूसरों की सहायता करना भी कई बार नकारात्मक परिणाम दे देता है और इसके लेने के देने पड़ जाते हैं। कोरबा जिले में एक चर्च से जुड़े पास्टर रमेश पाटले के साथ कुछ ऐसा ही हुआ जिसकी जहर सेवन से मौत हो गई। काफी समय पहले उसके द्वारा अपने परिचित शरद मसीह और रंजीत रात्रे को आर्थिक सहायता दी गई थी संबंधित लोगों ने सही समय पर इसे वापस करने का भरोसा दिया था लेकिन बाद में दगा दे दिया। अपनी ही रकम को वापस लेने के लिए पास्टर को काफी पापड़ बेलने पड़े लेकिन इसके कोई नतीजे नहीं आ सके। लंबी चपत लगने से वह वैसे ही परेशान था उल्टे उसे धमकियां भी प्राप्त होने लगी । इससे त्रस्त होकर उसने खतरनाक कदम उठा लिया। अपने घर पर जहर का सेवन करने पर पीडि़त को कोरबा के एक नीचे अस्पताल ले जाया गया कोई खास सुधार नहीं आने पर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया जहां पर उसकी मौत हो गई जहरीले पदार्थ का सेवन करने के पीछे की कहानी को लेकर उसने अपने नजदीकी व्यक्ति को ऑडियो संदेश भेजो जिसमें इस मामले से जुड़ी बात शामिल है। पास्टर के पुत्र सुबोध और भाई शिवम ने बताया कि तीन पेज का सुसाइड नोट इस मामले में प्राप्त हुआ है जिसमें शरद मसीह, रंजीत रात्रे और राजू श्रीवास के नाम का जिक्र है। इसमें लिखा गया है कि किस प्रकार से इन लोगों ने हमारे परिजन से कई लाख रूपए उधार लिए और वापस करने के बजाय परेशान किया तथा झूठे केस में फसाने का काम किया। पीडि़त लोग चाहते हैं कि पतले की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भरती पास्टर की मौत के बाद उसका शव परीक्षण सूर्यास्त होने के कारण शुक्रवार को नहीं हो सका अब यह प्रक्रिया शनिवार की सुबह की जाएगी । पुलिस ने इस मामले में 174 सीआरपीसी के अंतर्गत मार्ग कायम किया है। सुसाइड नोट्स और परिजनों के दावे के आधार पर इस मामले में अगली कार्रवाई पुलिस की ओर से की जाएगी