प्रतापपुर। वनों की सुरक्षा में लगे जिले के सभी वन परिक्षेत्र के अधिकांश वनकर्मियों को गोबर खरीदी व पौधारोपण जैसे कार्यों में लगा दिया गया है जिसके कारण अब वनकर्मी वनों की सुरक्षा देने सर्चिंग नहीं कर पा रहे हैं। इस अवसर का लाभ वन भूमि पट्टे के लालच में अतिक्रमणकारी जमकर उठा रहे हैं। यह अतिक्रमणकारी वन क्षेत्रों में लगे विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का बड़े पैमाने पर सफाया करते हुए वन भूमि पर कब्जा करने का खेल खेल रहे हैं।
इस बात की पुष्टि वनकर्मियों की कमी के कारण अतिक्रमणकारियों के सामने बेबस हो चुके हैं उप वन मंडल क्षेत्र ओडग़ी अंतर्गत बिहारपुर के वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंजर) का सूरजपुर डीएफओ संजय यादव को 12 जुलाई को लिखा एक पत्र कर रहा है जो कि वायरल हो गया है। पत्र में डीएफओ के समक्ष वनों को सुरक्षा देने के लिए अतिरिक्त बल भेजने की गुहार लगाते हुए लिखा गया है कि वर्षाकाल के कारण वन परिक्षेत्र बिहारपुर के कक्ष क्रमांक पी. 581, पी. 578 एवं पी. 580 में अतिक्रमण होने की संभावना बढ़ गई है तथा कुछ व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण शुरू भी कर दिया गया है। वहीं पूर्व के अतिक्रमण को शासन द्वारा वन भूमि पट्टा आवंटित कर दिए जाने के कारण अब अन्य लोगों के अंदर भी वन भूमि पट्टा पाने का लालच भर गया है जिसके कारण वन भूमि पर होने वाले अतिक्रमण में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।
अतिक्रमणकारियों के द्वारा रात के समय में वन भूमि की जोताई कर कब्जा किया जा रहा है पर परिक्षेत्र के अधिकांश वनकर्मी गोबर खरीदी व मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत पौधारोपण के कार्य में लगे हैं जिसके कारण अतिक्रमणकारियों को रोकने के लिए वनकर्मी समय नहीं दे पा रहे हैं। फिर भी अतिक्रमणकारियों को रोकने का हर संभव प्रयास करते हुए इस काम में चांदनी थाना की भी मदद ली जाती है पर यहां के जंगल जो कि वन परिक्षेत्र बिहारपुर के अंतर्गत आते हैं वे ठाड़पाथर, नवगई, कांतीपुर, सेमरा, विशालपुर, देवढ़ी, पासल व पेंडारी जैसे गांवों से घिरे हुए हैं। जंगलों को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए वन अमले को इन गांवों से होकर गुजरना पड़ता है पर जैसे ही वन अमला इन गांवों में प्रवेश करता है यहां के लोग वन अमले पर हमला कर देते हैं। पूर्व में भी वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने गई वन विभाग व चांदनी थाने की संयुक्त टीम पर यहां के लोग जानलेवा हमला कर उन्हें घायल कर दिए थे। इसलिए कम बल के साथ इन गांवों से होकर जंगल की ओर जाना खतरे से खाली नहीं है। पत्र में बिहारपुर के वन परिक्षेत्राधिकारी ने वनकर्मियों की कमी का हवाला देकर अतिक्रमण रोकने में खुद को असहाय बताते हुए डीएफओ से अतिरिक्त बल भेजने कि मांग की है।
वनों की सुरक्षा में तैनात जिले के वनकर्मियों को गोबर खरीदी व अन्य कार्यों में लगा देने का मुद्दा नईदुनिया ने चार फरवरी को प्रकाशित अंक में गोबर खरीदी में वनकर्मी व्यस्त, वनों की सुरक्षा भगवान भरोसे शीर्षक नाम से इस समस्या को पूरी प्रमुखता से उठाया था। जिसमें बताया गया था कि वनकर्मी काम के दोहरे दबाव के कारण वनों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं जिसका फायदा अतिक्रमणकारियों को मिल रहा है। इसमें यह भी बताया गया था कि वनकर्मी खुद को गोबर खरीदी जैसे कार्यों से पृथक करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वे इस तरह के कार्यों में लगे रहने के कारण वनों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे। इसके बावजूद वन विभाग के उच्चाधिकारी इस समस्या को लेकर आज तक मौन बने हुए हैं।