जांजगीर । जिले के छोटे रेलवे स्टेशनों का बुरा हाल है। इन स्टेशनों में शेड होना तो दूर पांव रखने के लिए भी रत्ती भर साफ सुथरी जगह नहीं है। घुटने भर कीचड़ से सराबोर स्टेशनों में यात्रियों को ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। खासकर हम कोटमीसोनार, कापन, बालपुर, कोथारी जैसे छोटे स्टेशनों का हाल बुरा हाल है। इन स्टेशनों में सौदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। जिसके चलते स्टेशनों की सूरत बदल सी गई है।
रेल प्रशासन आवक वाले पैसेंजर हाल्ट वाले स्टेशनों के प्रति बेहद नजर अंदाज करती है। डी क्लास के स्टेशनों में यात्रियों की सुविधा नाम की चीज नहीं होती। यात्रियों के लिए शेड तक नसीब नहीं होता। यात्रियों को ऐसे स्टेशनों में बारिश से भीगते हुए स्टेशनों में यात्री ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। हालांकि ऐसे स्टेशनों में थोड़ी बहुत सुविधा बढ़ाने के लिए पेवर ब्लाक, टाइल्स व अन्य सुविधाओं का विस्तार करने के लिए आवश्यक पहल की जा रही है। लेकिन बारिश के दिनों में ऐसे स्टेशनों में यात्रियों की दिक्कतें बढ़ा दी है। इन स्टेशनों में मरम्मत के लिए खुदाई की गई है ताकि पेवर ब्लाक व टाइल्स का लगाई जा सके, लेकिन बारिश के दिनों में इन्हीं स्थानों में घुटने भर का कीचड़ होने से यात्रियों को ट्रेनों में चढऩे के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कोटमीसोनार कापन की हालत बेहद खराब
जांजगीर से बिलासपुर के बीच स्थित कापन व कोटमीसोनार स्टेशन की स्थिति सबसे बदतर है। दरअसल, यहां मारम्मत का कार्य चल रहा है। जिसके चलते घांस वाले स्टेशन में पेवर ब्लाक का निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन स्टेशनों में शेड का भी निर्माण होना है। ताकि यात्रियों को थोड़ी बहुत सुविधाएं मिल सके। बड़ी बात यह है कि इन स्टेशनों में थोड़ी सी भी जगह नहीं है जहां बारिश होने पर शेड के नीचे खड़े होकर यात्री ट्रेनों का इंतजार कर सकें।
बड़े स्टेशनों में भी नहीं माकूल सुविधाएं
छोटे स्टेशनों में सुविधाएं तो दूर बड़े स्टेशनों में भी यात्रियों के लिए माकूल सुविधाएं नहीं है। जांजगीर नैला स्टेशन में भी प्लेटफार्म नंबर दो तीन में पर्याप्त शेड नहीं है। एक्सप्रेस टे्रनों के आने पर अचानक अनाउंसमेंट किया जाता है कि फलां एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर या जनरल कोच आगे व पीछे है। इस दौरान यात्रियों को भीगते पानी में दौड़ते हुए स्टेशन के आगे या पीछे दौडक़र भागना पड़ता है।
चौथी लाइन का काम चल रहा
आपको बता दें कि बिलासपुर से चांपा के बीच पहले से थर्ड लाइन का काम हो चुका है। अब चौथी लाइन का काम चल रहा है। कार्यप्रगतिरत है। जिसके चलते यात्रियों को असुविधा हो रही है। आने वाले दिनों में यात्रियों की सुविधा बढ़ाई जा रही है। जिसके चलते ऐसे छोटे रेलवे स्टेशन अव्यवस्थित नजर आ रहे हैं। रेल प्रबंधन का यह भी कहना है कि यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखा जा रहा है। निर्माण कार्य के दौरान थोड़ी बहुत असुविधा तो होगी ही।
बिलासपुर से लेकर कोरबा रायगढ़ रूट में चौथी लाइन के लिए निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जिसके चलते ऐसे स्टेशनों में अव्यवस्था का आलम है। आने वाले दिनों में सभी स्टेशन सुंदर व सर्व सुविधायुक्त नजर आएंगी।
– अंबिकेश साहू, मंडल रेल निरीक्षक