चंपा। शहर की सड़कें अघोषित गोठान का रूप ले लिया है। सरकार का रोका छेंका अभियान केवल कागजों में संचालित हो रहा है। शहर की सभी दिशाओं की सड़कों में मवेशियों का राज है। इसके चलते लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर केरा रोड में सबसे अधिक मवेशियां सड़कों में बैठे होते हैं। जिसके चलते छोटे एवं भारी वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सुबह से लेकर शाम तक सड़कों में मवेशी अपना अड्डा सड़कों में जमा लेते हैं। जिसके चलते राहगीरों को सड़क क्रास करने में दिक्कतें होती है। बड़ी बात यह है कि इसके लिए नगरपालिका ने आज तक किसी तरह की पहल नहीं की। शहर में न तो एक भी चारागाह है और न ही कांजी हाउस। यदि यह सुविधा होती तो निश्चित ही मवेशी यहां निवास करते। दो साल पहले नगरपालिका ने कलेक्टोरेट बाइपास आर्या कालोनी के पास एक अस्थाई कांजी हाउस की व्यवस्था की थी। वह भी बंद पड़ी है। जिसके चलते शहर की पूरी मवेशी सड़कों में इक_ा होते हैं। जिससे आवागमन करना दिक्कतों से कम नहीं लगता। सरकार की योजना कागजों में सरकार ने गोधन न्याय योजना, रोका छेंका सहित कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है, लेकिन इसका पालन कोई करने तैयार नहीं है। गोठानों की स्थिति बदतर है। मवेशियों को यहां ठहराया नहीं जाता।