
पटना। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के साले और पूर्व सांसद सुभाष यादव ने लालू यादव पर बड़ा आरोप लगाया है। पूर्व सांसद सुभाष यादव ने कहा कि एक समय में अपहरण के मामले में लेनदेन की बातचीत मुख्यमंत्री निवास में होती थी।
उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद स्वयं फिरौती के लिए डील करते थे। हालांकि आरोप हम पर और हमारे बड़े भाई साधु यादव पर लगता था।
पूर्व सांसद सुभाष यादव ने गुरुवार को कहा कि हमने कोई अपराध नहीं किया। मेरे अलग होने के बाद ही लालू प्रसाद का पतन शुरू हुआ। इस बार राजद 20 से भी कम सीटों पर जीत हासिल करेगा। सुभाष यादव ने कहा कि अररिया-पूर्णिया की तरफ एक चर्चित अपहरण हुआ था। उसमें फिरौती का रुपया कौन लिया, यह सबको पता है। जाकिर हुसैन पर अपहरण का आरोप लगा था। इस अपहरण के दौरान लालू प्रसाद ने स्वयं जाकिर से बात की थी।
सुभाष ने कहा कि राजनीति और लालू प्रसाद से मैंने बहुत पहले दूरी बना ली। लालू प्रसाद सिर्फ अपना भला सोचते हैं। वे हमें पुत्र का दर्जा देते थे। लेकिन, काम निकलने के बाद मुझे दूध की मक्खी की तरह निकाल दिया गया।
मुझ पर चोरी, डकैती, हत्या और जबरन जमीन लिखवाने का कभी आरोप नहीं लगा। पूर्व सांसद ने स्वीकार किया कि अब लालू परिवार से उनका कोई रिश्ता नहीं है। लेकिन, तेजस्वी यादव के प्रति उन्होंने नरमी दिखाई। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के लिए मामा का आशीर्वाद चाहिए। बिना इसके वे सीएम नहीं बन सकते हैं।