श्रीहरिकोटा, 14 जुलाई [एजेंसी]। चंद्रयान-3 दोपहर ढाई बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी धु्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अगर दक्षिणी धु्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी धु्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। आज दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा होगी। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार सात हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी। क्रॉयोजनिक इंजन स्टार्ट होने के बाद रॉकेट की रफ्तार 36,968 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो जाएगा और धीरे-धीरे अपना ऑर्बिट बढ़ाकर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, तो 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3 हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। अनुपम खेर ने इसरो को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, भारत चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो के हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए शुभकामनाएं। झंडा ऊंचा रहे हमारा। जय हिंद! चंद्रयान-3 में गोदरेज एयरोस्पेस का भी महत्वपूर्ण योगदान है। चंद्रयान-3 को ले जाने वाले रॉकेट के दूसरे चरण के दो इंजन गोदरेज एयरोस्पेस ने बनाए हैं। गोदरेज एयरोस्पेस के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट और बिजनेस हेड मानेक बहरामकामदिन ने बताया, चंद्रयान-3 एक बहुत ही प्रतिष्ठित मिशन है, गोदरेज ने दो इंजनों के लिए हार्डवेयर में योगदान दिया है, जो दूसरे चरण के इंजन हैं।