
इस महीने आचार संहिता प्रभावशील होने की संभावना
कोरबा। लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार के स्तर पर प्राथमिक तैयारी शुरू कर दी गई है। कोरबा जिले में 9 हजार से ज्यादा नए मतदाताओं के नाम जुड़े हैं, जिन्होंने इस वर्ष एक जनवरी की स्थिति में मताधिकार की पात्रता हासिल की है। इधर चुनाव को लेकर समय ज्यादा नहीं है। राजनैतिक दलों ने जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए काम प्रारंभ किया है, लेकिन जनता के सामने चेहरा कौन होगा, यह अब तक असमंजस वाला है। कांग्रेस और भाजपा की ओर से फिलहाल कुछ भी नहीं तय नहीं है।
बीते चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत निर्वाचित हुई थी। उनके मुकाबले में भाजपा के ज्योतिनंद दुबे की पराजय हुई थी। कोरबा सीट में राजस्व जिला कोरबा के साथ-साथ कोरिया, गौरेला-पेंड्रा और एमसीबी की कुल 8 विधानसभा सीट शामिल हैं। यहां के मतदाता मिलकर अपना सांसद चुनेंगे। 20 वीं लोकसभा के लिए संभवत: इसी महीने भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिसूचना जारी की जा सकती है। इस तरह के संकेत हाल में ही सीआईसी के द्वारा दिए गए। जबकि इसके पहले ही दूसरे क्षेत्रों में यहां भी प्रमुख दलों की ओर से अपनी उपस्थिति और सक्रियता का प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। लोकसभा क्षेत्र में फिलहाल कांग्रेस काबिज है इसलिए उसके सामने सीट बचाने की चुनौती है। बड़े स्तर पर चल रही उथल-पुथल के बीच कोरबा सीट पर संगठन का निर्णय प्रत्याशी चयन को लेकर क्या होगा, इसका नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को इंतजार है। कहा जा रहा है कि अगर कोई खास वजह नहीं रही तो संगठन अपने सीटिंग एमपी को दोहरा सकता है। जबकि काफी समय से संगठन के लिए काम करते रहे कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी टिकट का दावा ठोक रहे हैं।
केन्द्र के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी काबिज है। विकास और अन्य कारण से उसका मनोबल लोकसभा चुनाव को लेकर बढ़ा हुआ है। लगातार उसकी ओर से छत्तीसगढ़ की सभी 11सीट जीतने का संकल्प दोहराने के साथ इसी ट्रेंड पर तैयारी की जा रही है। जबकि पिछले चुनाव में उसे 9 सीटें प्राप्त हुई थी। जानकारों का कहना है कि भाजपा संगठन ने अबकि बार कोरबा और बस्तर के साथ जांजगीर-चांपा को सबसे उपर रखा है। इनमें से दो सीटों पर कांग्रेस के सांसद हैं, जबकि जांजगीर-चांपा जिले में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सभी 6 सीट पर कांग्रेस की जीत हुई। इस नाते रणनीति है कि लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे पहले इन्हीं सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जाए ताकि वे पर्याप्त समय लेते हुए अपना काम कर सके। कोरबा सीट से भाजपा की टिकट को लेकर 6 से अधिक लोग चाहत रखे हुए हैं। कारण बताया जा रहा है कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने व वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर जो हालात बने हुए हैं, वे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए काफी अनुकूल हैं, अथवा उनका समर्थन आसानी से हासिल हो सकता है। भाजपा की ओर से फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं, लेकिन दावेदारों ने कोशिश जरूर जारी रखी है। कई मौकों पर प्रत्याशी चयन के मामले में भाजपा के रणनीतिकार अपने कार्यकर्ताओं को चौंकाते रहे हैं, ऐसे में कोरबा से भाजपा का चेहरा कौन होगा, यह जानना भी दिलचस्प होगा।