नईदिल्ली, 0७ फरवरी ।
बहुप्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। अब सिर्फ आरडीएसओ, सीआरएस से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।रेलवे बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि 15 जनवरी को लंबी दूरी के परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाली पहली 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को अब चलने के लिए जाने से पहले अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के सर्टिफिकेट और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की मंजूरी की जरूरत है।रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ट्रेन का उसकी अधिकतम गति पर मूल्यांकन करेंगे। विश्व स्तरीय, हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन का सपना अब हकीकत बन गया है क्योंकि पहली 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट ने 15 जनवरी को मुंबई-अहमदाबाद सेक्शन में 540 किलोमीटर की दूरी के लिए आरडीएसओ द्वारा कठोर परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई ने 17 दिसंबर, 2024 को भारत के पहले वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का निर्माण पूरा किया था। पिछले महीने के पहले सप्ताह में लगातार तीन दिनों तक 30 से 40 किलोमीटर की छोटी दूरी के लिए इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, जहां इसने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की हाई स्पीड पर आरामदायक यात्रा का अनुभव प्राप्त किया। अब, बोर्ड ने कहा कि लंबी दूरी के परीक्षण भी बेहद सफल रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा था कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा कि बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इन्हें चार से पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। इनमें नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन वर्षों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयर कार) ट्रेनें बनाई जाएंगी। नई अमृत भारत ट्रेनों से हम कई छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे। जनरल कोच के बारे में वैष्णव ने कहा कि आने वाले वर्षों में 17,500 ऐसे कोच बनाने की मंजूरी दी गई है।