कोरबा। जेआरसी क्लब के सभागार में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई द्वारा विज्ञान पर प्रशिक्षण कार्यशाला का काा आयोजन किया गया इस आयोजन को 100 से अधिक विज्ञान कार्यकर्ता और आम लोग, देश के जाने माने वैज्ञानिक डा नरेंद्र नायक को सुनने, उनके प्रयोगों को साक्षात देखने, इन्हे खुद कर के सीखने और उनके पीछे के विज्ञान को समझने एकत्र हुए थे।डा नरेंद्र नायक, ढोंगी बाबाओं के तथाकथित चमत्कारों को उजागर कर उनके विज्ञान का खुलासा करने वाले वैज्ञानिक के रुप में प्रसिद्ध है। वे वर्तमान में फेडरेशन आफ रेशनलिस्ट असोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। दिन भर चली इस कार्यशाला में डा नरेंद्र नायक द्वारा भारत के विभिन्न प्रदेशों में तथाकथित बाबाओं द्वारा अपने आप को सुपर नेचुरल पावर वाला बता कर आम लोगों को डराने, लालच देने और ठगने के लिए किए जाने वाले 20 से अधिक प्रयोगों का प्रर्दशन किया।उन्होने इन बाबाओं की पृष्ठभूमि बताते हुए, सभी धर्मो के बाबाओं का भंडाफोड़ किया और उनके द्वारा किस प्रकार लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है, इसका लाइव डिमॉन्सट्रेशन किया। डा नायक ने विज्ञान कार्यकर्ताओ – जिनमें महिला पुरुष दोनों शामिल थे – को इन प्रयोगों को खुद कर के देखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हवा से भभूत निकाल कर बाटी। हवा से सोने की चैन कैसे निकाली जाती है यह बताया और भारत के लोगों द्वारा किसी भी बात को बिना परखे आसानी से यकीन कर लेने और ठगी का शिकार हो जाने की कमजोरी को उजागर किया।अपने कार्यक्रम के दौरान उन्होने हथेली पर आग जलाने, आग को खाने, हाथ को छूने से उसके रंगीन हो जाने, जीभ में त्रिशूल गड़ाने आदि प्रयोगों को सिखाया । उन्होने अंगारों पर चलने, खौलते तेल की कढ़ाई में हाथ डालने, गर्म तली जा रही पूड़ी को हाथ से निकालने आदि ढेर सारे चमत्कारों की स्लाइड्स दिखाकर उनके रहस्यों को उजागर किया। उन्होनें हमें किसी भी चीज पर विश्वास करने के पहले उसके कारणों को जानने पर बल दिया। कार्यशाला के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के सचिव डा वाय के सोना ने संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ करवाया।कोरबा में हुए इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ तर्कशील परिषद् के अध्यक्ष डा रमेश कुमार सुखदेवे, विज्ञान सभा कोरबा के सचिव दिनेश कुमार और राज्य की संयुक्त सचिव निधि सिंह ने भी संबोधित किया। विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वास मेश्राम द्वारा वैज्ञानिक सोच के प्रचार प्रसार की जरूरत पर जोर दिया गया। उन्होने विद्यार्थियो को सचेत रहने और तथ्यों के विश्लेषण कर तब परिणामों पर पहुंचने की वकालत की। उन्होने आगामी 20 अगस्त को देश भर में आयोजित किए जाने वाले नेशनल साइंटिफिक टेंपर डे अर्थात राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस के आयोजन हेतु विभिन्न शिक्षा संस्थानों में किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।ज्ञात हो कि 20 अगस्त के दिन महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डा नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डा दाभोलकर द्वारा काले जादू और अंध श्रद्धा के खिलाफ़ लोगों को जागरूक करने का महत्त्वपूर्ण काम किया था। तक्षशिला बुद्ध विहार मुढ़ापार के अध्यक्ष गणेश बंबोले और उनके साथियों ने विज्ञान कार्यकर्ताओ के प्रशिक्षण हेतु हुए इस आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया । एसईसीएल एससी एसटी एंप्लॉयज यूनियन के अध्यक्ष आर पी खांडे और साथियों द्वारा अपने सदस्यों और उनके परिवारजनों को मोटिवेट कर भागीदारी पुष्ट की गई।कोरबा के विभिन्न कालेजऔर स्कूलो से प्राचार्यो, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की अच्छी भागीदारी रही। इस कार्यशाला का संचालन रायपुर से आए विज्ञान सभा के संयुक्त सचिव रतन गोंडाने ने किया और आभार प्रर्दशन गणेश बंबोले द्वारा किया गया। कार्यशाला के आयोजन में कोरबा के सिविल सोसायटी से सन्तोष शामकुवर, सुरेश चौहान, रतन देशभ्रतार, आर टी खोबरागड़े, सुमित सिंह, सपूरन सिंह कुलदीप, लता बौद्घ, डिक्शन मसीह, आर के महिलांगे, अविनाश यादव, दुजराम राउत, एम बी तायडे आदि ने सक्रीय रूप से काम किया।