नईदिल्ली, ११ जुलाई [एजेंसी]। डीके शिवकुमार ने कहा कि जैसा कि पहले ही घोषणा की जा चुकी है, 17 और 18 जुलाई को (देश के) सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक होगी। तमाम नेता आने वाले हैं। मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोनिया गांधी से इस बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है। उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार (10 जुलाई) को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस महीने कर्नाटक के बेंगलुरु में होने वाली संयुक्त विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है। संयुक्त विपक्ष अपनी दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में करेगा। यह बैठक पहले 10 या 12 जुलाई को शिमला में होने वाली थी, हालांकि, शहर में खराब मौसम के कारण इसे एक नई तारीख और नए स्थल पर पुनर्निर्धारित किया गया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि विपक्ष की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। डीके शिवकुमार ने कहा कि जैसा कि पहले ही घोषणा की जा चुकी है, 17 और 18 जुलाई को (देश के) सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक होगी। तमाम नेता आने वाले हैं। मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोनिया गांधी से इस बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है। हमें संदेश मिला है कि वह इस बैठक में हिस्सा लेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम उन सभी नेताओं का स्वागत करेंगे जो इस देश में बदलाव के इस महान आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए सभी दलों को एक मंच पर लाने के लिए 23 जून को पहली बैठक हुई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई बैठक में कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे। बैठक में ममता बनर्जी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और अन्य ने हिस्सा लिया था। डीके शिवकुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी देश के लिए आवाज उठाना चाहते थे इसलिए उन्हें न्यायपालिका द्वारा अभूतपूर्व सजा दी गई है। यह भाजपा नेताओं की राजनीतिक साजिश है, वे (भाजपा) राहुल गांधी की ताकत और समर्थन को पचा नहीं सके। उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक में सभी विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की, जहां राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चले थे…पार्टी के सभी सदस्य राहुल गांधी के साथ हैं और उनकी अयोग्यता के खिलाफ हैं। हम उनका समर्थन करने के लिए एक मौन विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं क्योंकि वह देश के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं।