शिवरीनारायण। आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को शिवरीनारायण में परंपरागत रूप से रथ यात्रा की वापसी का पर्व मनाया गया। जगन्नाथ जी, बलभद्र जी एवं सुभद्रा मैया अपने मौसी के घर में 10 दिन तक विश्राम करने के पश्चात अपने निर्धारित स्थान शिवरीनारायण मठ वापस हुए, इस अवसर पर जनकपुर में भगवान की विधिवत पूजा अर्चना महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज, जगन्नाथ मंदिर के पुजारी श्री त्यागी जी महाराज एवं मुख्तियार सुखराम दास जी सहित सभी श्रद्धालु भक्तों के द्वारा किया गया। भगवान जगन्नाथ जी का जय -जय कार करते हुए हरि नाम संकीर्तन के साथ उन्हें रथ पर विराजित किया गया, ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए कीर्तन मंडली के द्वारा भगवान का कीर्तन करते हुए पूरे नगर भ्रमण करते हुए मेला ग्राउंड, हनुमान मंदिर, मध्य नगरी चौक होते हुए मठ मंदिर तक लाया गया। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालु भक्तों के द्वारा भगवान की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। नगर निवासियों ने अपने द्वार पर भगवान को आते देखकर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की, कार्यक्रम में दूर-दूर के ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालु भक्त गण बड़ी संख्या में उपस्थित हुए ,उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण को भगवान जगन्नाथ जी का मूल स्थान माना जाता है इसलिए यहां रथ यात्रा का पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जाता है यहां की यह अति प्राचीन परंपरा है। लोग दूर-दूर से भगवान की एक झलक दर्शन प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं और अपना जीवन धन्य बनाते हैं यहां भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ भगवान जगन्नाथ जी के जगन्नाथ पुरी में दर्शन के पुण्य लाभ के बराबर होता है ऐसी लोगों की मान्यता है।