नईदिल्ली, १६ जुलाई [एजेंसी]।
जंतर-मंतर पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में शामिल संगीता फोगाट ने शनिवार को हंगरी रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में गैर-ओलंपिक 59 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता। संगीता की शुरुआत करारी हार के साथ हुई, लेकिन उन्होंने दूसरे मैच में जीत के साथ वापसी की।वह अपना सेमीफाइनल मैच हार गईं, लेकिन अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता हंगरी की युवा विक्टोरिया बोरसोस के विरुद्ध कांस्य प्लेआफ में 6-2 से जीत हासिल की। पिछले वर्ष 62 किग्रा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने वाली संगीता ने अमेरिकी जेनिफर पेज रोजर्स के विरुद्ध हार के साथ शुरुआत की। यह प्रतियोगिता केवल 80 सेकेंड तक चली, जिसमें अमेरिकी पहलवान ने दाहिने पैर से हमला किया, जिसके कारण टेक-डाउन और कई रोल के कारण अमेरिकी पहलवान संगीता को पिन करने की स्थिति में आ गई।
अमेरिका की ब्रेंडा ओलिविया रेयना के विरुद्ध अपने अगले मुकाबले में, भारतीय पहलवान हार से उबरने में कामयाब रहीं और अपने मूवमेंट में तेजी ले आईं। ब्रेक में वह 4-2 की बढ़त के साथ गईं और इसे मजबूत करते हुए अंतत: तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला जीत लिया। छह पहलवानों के ड्रा में एक जीत और एक हार ने उन्हें पोलैंड की मैग्डेलेना उर्सजुला ग्लोडेक के विरुद्ध सेमीफाइनल में पहुंचा दिया।संगीता ने दोनों पैरों से हमलों की शुरुआत की लेकिन उनमें चालों को अंकों में बदलने की ताकत नहीं थी। फिर भी वह दो बार आगे रहीं, पहले 2-0 और फिर 4-2, लेकिन ग्लोडेक की जवाबी आक्रमण चालें 6-4 की करीबी जीत के लिए काफी अच्छी थीं।
स्थानीय दावेदार बोरसोस के विरुद्ध कांस्य प्लेआफ में, संगीता ने टेक-डाउन चाल के साथ बढ़त बना ली।हंगरी की खिलाड़ी ने वापसी करते हुए स्कोर 2-2 कर दिया, लेकिन संगीता ने जल्द ही तेज और आक्रामक हमला शुरू कर दिया। बोरसोस ने अच्छी रक्षात्मक शैली दिखाई पर संगीता ने 4-2 से बढ़त प्राप्त कर ली। दूसरे राउंड में संगीता ने एक भी अंक नहीं गंवाया और दो अंक लेकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
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