बलरामपुर। वेतन विसंगति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सरगुजा जिले के 152 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (महिला व पुरुष) को निलंबित करने के बाद सरगुजा संभाग के 53 हड़ताली स्टाफ नर्सों को भी निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डा पीएस सिसोदिया ने की है। इन सभी को काम पर वापस लौटने 48 घण्टे का अल्टीमेटम दिया गया था। कुछ स्टाफ नर्सो ने नोटिस के बाद कार्यस्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली थी। लेकिन 53 स्टाफ नर्स ऐसी थी जिन्होंने काम शुरू नहीं किया था। इन सभी को आखिरकार निलंबित कर दिया गया है। इधर बलरामपुर जिले में 183 ग्रामीण स्वास्थ्य सयोजकों को भी निलंबित कर दिया गया है। मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निलंबन का आदेश जारी किया है। पिछले 25 दिनों से अपने मांगो को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर थे। यहां भी कलेक्टर आर एक्का के निर्देश पर 48 घण्टे के भीतर काम पर लौटने नोटिस जारी की गई थी। नोटिस की अवहेलना पर 183 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी फैडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा वेतन विसंगति सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। शासन स्तर पर एस्मा लगाए जाने के बाद भी कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौट रहे थे। इस कारण सख्ती बरतनी पड़ी है।कार्रवाई के लिए अलग-अलग स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के निलंबन का अधिकार मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया है। स्टाफ नर्स के निलंबन की कार्रवाई संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं स्तर पर की जा रही हैं। हड़ताल कर रहे चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा कर प्रस्ताव संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को भेजा गया है।