कोरिया। पांडवपारा कालरी शासन-प्रशासन व एसईसीएल कंपनी के द्वारा विकास के लाख दावों के बाद भी कोयला उत्खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को 30 वर्ष से नौकरी,मुआवजे सहित बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी आंदोलन करना पड़ता है लेकिन मिले झूठे आश्वासन पर ही ग्रामीणों को संतोष करना पड़ता है जो निरंतर कई वर्षों से सतत जारी है।गौरतलब हो कि जिला कोरिया के ग्राम पंचायत खोंड में विगत 30 वर्षों से संचालित पांडवपारा, झिलमीली कालरी से प्रभावित आसपास के ग्रामीणजन आज भी बुनियादी सुविधाओं सहित नौकरी,मुआवजे के लिए आज भी जूझ रहे हैं।बीते गुरुवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा नौकरी,मुआवजा,स्कूल मरम्मत, स्ट्रीट लाइट, रास ढोंढी मरम्मत,कॉलोनी व झिलमिली पहाड़ से निकले गंदा व कोयला चूर्ण काला पानी का समुचित निष्पादन सहित विभिन्न मांगों को लेकर कोल परिवहन रोक दिया गया था हालांकि देर रात अपर कलेक्टर चांदनी कंवर, डीएसपी राजेश कुमार साहू के मध्यक्षता में सब एरिया आर पी मिश्रा व ग्रामीणों के मध्य चर्चा के बाद कोल परिवहन बहाल कर दिया गया।पर 4 स्ट्रीट लाइट लगाने पर राजी हुआ। खोंड प्राथमिक शाला जर्जर एक कमरे में संचालित हो रहा है उसके तत्कालीन व्यवस्था हेतु जिम भवन को खाली कराकर रोशनी हेतु ट्यूब लाइट टाइल्स लगाने की बात कही। खोंड रास ढोंढी में कालोनी की गंदा पानी पर रोक लगाने सहित नाली में जाली लगाकर खेतों में जाने से बचाया जाएगा वहीं झिलमिली खदान कोयला डस्ट व चूर्ण पानी के सहारे खेतो में आ रहे हैं इस हेतु नाला पर स्टॉपेज बनाएंगे ताकि कोयला चूर्ण खेतों पर न जाए इसका तत्काल प्रबंध किया जाएगा। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के डीएल भास्कर,रामाधीन पोया,गोरेलाल सिंह ने एसईसीएल प्रबंधन पर 115 व्यक्तियों को मुआवजा व 15 व्यक्ति को नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया जिस पर प्रबंधन द्वारा शिविर लगाकर मुआवजा वितरण करने की बात कही। वहीं 5 व्यक्तियों की नौकरी में दस्तावेज अपूर्ण होना बताया गया जिसे तत्काल पूर्ण कराने पर नौकरी देने की बात कही है। खोंड निवासी मंगलेश्वर को दस्तावेज के नाम पर दो साल तक घुमाते रहे, अंत में प्रबंधन द्वारा कॉलरी खुलने के बाद पैदा हुए हो..इसलिए नौकरी नहीं मिलेगी जबकि उस परिवार का लगभग 2 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है। नौकरी नहीं देने के इस बात पर नेताओं ने काफी नाराजगी व्यक्त की जिस पर सब एरिया आर पी मिश्रा ने मंगलेश्वर को अगले दिन कार्यालय बुलाया और पूरा सहयोग का भरोसा दिलाया। बातचीत के दौरान प्रबंधक कार्मिक द्वय अजितेश भट्टाचार्य व विकास शंकर ओझा, कार्यालय अधीक्षक अतुल गुप्ता सहित एसईसीएल के अधिकारी कर्मचारी व काफी संख्या में ग्रामीणजन सहित पुलिस की टीम मौजूद रही।गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के रामाधीन पोया ने बताया कि नौकरी मुआवजा सहित जनहित के विषय को लेकर 7 बार आंदोलन कर चुके हैं अविलंब कार्य करने का आश्वासन तो जरूर मिलता है लेकिन एसईसीएल द्वारा कुछ किया नहीं जाता। सब एरिया, जीएम बदलते ही पूरा कार्ययोजना भी नष्ट हो जाता है जिससे उन कार्यों की स्वीकृति व गति नहीं मिल पाती। जैसे ही नया अधिकारी आते हैं पुन: शून्य से प्रक्रिया चालू हो जाती है जो विगत कई वर्षों से निरंतर जारी है। यही कारण है कि गुरुवार के बातचीत में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में ही बातचीत पर ग्रामीण राजी हुए हैं।