कोरबा। जिले के पर्यटन स्थल सतरेंगा में पहुंच कर सैलानी आनंद का अनुभव करते हैं, लेकिन यहां रहने वाले ग्रामीणों की पीड़ा प्राकृतिक चकाचौंध में दब गई है। यहां रहने वाले ग्रामीणों ने सतरेंगा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में प्रशासन के साथ मिलकर तन और मन से सहयोग दिया। उन्हे विश्वास था कि क्षेत्र में पर्यटन विकास होने उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्हे क्या मालूम था कि प्रारंभ में दिया गया रोजगार उनसे छिन जाएगा।पर्यटन केंद्र सतरेंगा में काल मी सर्विसेस कंपनी में बोट राइडर की सेवाएं दे रहे आसपास के ग्रामीणों को कंपनी ने बिना पूर्व सूचना दिए नौकरी से निकाल दिया है। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं वापस काम पर लेने की गुहार कलेक्टर से लगाया है। आर्थिक तंगी की मार झेल रहे दर्जन भर से अधिक बेरोजगार युवाओं ने सात दिन के भीतर रोजगार पर नहीं रखे जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।दरअसल पिछले ढाई साल से दर्जन भर से भी अधिक युवक आगंतुक सैलानियो की सेवा में तत्पर रहते थे। उनके खान पान की सेवाओं से लेकर मोटर बोट में घुमाने के लिए तत्पर रहते थे। प्रभावित सभी ग्रामीण अजगरबहार तहसील के ग्राम सतरेंगा व बहेरा के निवासी हैं।ग्रामीणों ने बताया कि काल मी सर्विसेस कंपनी ने उन्हे वर्ष 2020 में बोट क्लब के अंतर्ग रिसोर्ट बोटराइडर व कैशियर पद में उन्हे काम पर रखा गया था। निष्ठापूर्वक काम करने के बाद भी उन्हे काम से निकाल दिया गया है। अब उनके व परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग किया है