
सरकार का आदेश था-मातृ-पितृ पूजन करें आज
कोरबा। माघ शुक्ल पंचमी को प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों आदेश जारी कर सरस्वती पूजा और मातृ-पितृ पूजन करने को कहा था। यह सभी सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के लिए बंधनकारी था। विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती से शिक्षकों व विद्यार्थियों के सरोकार जुड़े हुए हैं इसलिए उन्हें इस कार्यक्रम से जोडऩा है। इधर कोरबा के निर्मला सहित कई स्कूलों में जान-बूझकर छुट्टी दे दी गई, ताकि आयोजन से बचा जा सके। शहर और जिले के सरकारी के अलावा अनेक शिक्षण संस्थाओं में आज बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में विद्या की देवी सरस्वती का अवतरण दिवस मनाने के साथ वहां पूजा अर्चना की गई। पिछले वर्षों से इस प्रकार के कार्यक्रम संस्थाओं में होते रहे हैं और इसे लेकर काफी उत्साह रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ सरकार ने व्यवस्था को कुछ बदलते हुए आज के दिन को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में आयोजित करने की घोषणा की थी और इसके माध्यम से संस्कार जागरण का संदेश दिया था। कहा गया था कि शिक्षण संस्थाओं में अनिवार्य रूप से ये कार्यक्रम किये जाने चाहिए। खबर के अनुसार शहर और उपनगरीय क्षेत्रों सहित अंचल में अनेक स्थानों पर आज ऐसे कार्यक्रम किये गए जबकि मिशनरी से संबंध रखने वाले निर्मला, एमजीएम सहित अनेक संस्थाओं ने इस अवसर को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए पहले से ही छुट्टी की घोषणा कर दी। तर्क दिया जा रहा है कि परीक्षाएं नजदीक हैं, ऐसे में छात्रों को दूसरे काम से लगाया गया है ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान दें। लेकिन अभिभावकों का कहना है कि केवल सरस्वती पूजा के नाम से ही इस प्रकार का हथकंडा अपनाया गया है ताकि अपने मिशन की पूर्ति में बाधा न आ सके। लोगों ने याद दिलाया कि पांच वर्ष पहले कोसाबाड़ी स्थित निर्मला स्कूल में सरस्वती पूजा करने के लिए छात्रों ने तैयारी की थी जिस पर एक शिक्षिका ने आपत्ति जताते हुए पूजन सामाग्री को अपमानित कर दिया था। यह जानकारी आम होने पर मामले ने काफी तूल पकड़ा और बात प्रशासन तक पहुंच गई। कुछ संगठनों की ओर से जमकर विरोध प्रदर्शित करने के कारण फजीहत होते देख स्कूल प्रबंधन को न केवल माफी मांगनी पड़ी बल्कि दो दिन बाद स्कूल परिसर में ही सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया। यह कोशिश पूरे मामले का डेमेज कंट्रोल करने के लिए घटना को लंबा समय गुजरने के बाद अब नए फार्मेट पर काम किया जा रहा है, सरकार के आदेश के बावजूद खास दिवस पर छात्रों की छुट्टी करना इसी का एक हिस्सा है।