नईदिल्ली, 10 जुलाई [एजेंसी]। सावन के पहले सोमवार पर भगवान महाकाल की भस्म आरती की गई। इस मौके पर महाकाल के दर्शन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग महाकाल की भक्ति में लीन दिखे। पूरा माहौल शिवमय हो गया। इसके साथ ही वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।सावन के पहले सोमवार पर भगवान महाकाल की भस्म आरती की गई। इस मौके पर महाकाल के दर्शन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग महाकाल की भक्ति में लीन दिखे। पूरा माहौल शिवमय हो गया। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भगवान विश्वनाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हुए हैं। दिल्ली में चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में भी लोगों की भीड़ देखने को मिली। सावन के पहले सोमवार पर लोग गौरी शंकर के दर्शन और उनकी पूजा करने के लिए आतुर दिखे। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी मंदिरों में लोगों की भीड़ देखने को मिली। सावन महीने के पहले सोमवार को भक्तों ने महादेव झारखंडी शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। सावन के पहले सोमवार पर झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर की कतार लगी हुई है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा बैद्यनाथ का पट सुबह तीन बजकर पांच मिनट पर खोला गया। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले काचाजल अर्पित किया गया। इस समय केवल तीर्थपुरोहित परिवार के सदस्य थे। इसके बाद बाबा की प्रात:कालीन पूजा पुरोहित राकेश झा ने किया। सावन के पहले सोमवार के मौके पर राजस्थान की राजधानी जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। उन्होंने महादेव को जल और बेलपत्र चढ़ाए। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में रुद्धाभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन पांचवां महीना है। पहला महीना चैत्र होता है। इसके बाद बैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ आता है। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जल और बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।