चंडीगढ़, २5 सितम्बर ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रणौत के तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू किए जाने के विवादित बयान ने तूल पकडऩा शुरू कर दिया है। पंजाब में इस पर सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस, शिअद और आप के नेताओं ने सांसद कंगना के इस बयान पर भाजपा हाईकमान को उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी की सांसद कंगना रणौत को विवादास्पद कृषि कानूनों की बहाली की वकालत करने के लिए मुखपत्र के रूप में नियुक्त करने की तीखी आलोचना की। बाजवा ने कहा कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है, उन्होंने सरकार से इस पर तत्काल स्पष्टीकरण मांगा।
बाजवा बोले-भाजपा मूकदर्शक बनी
बाजवा ने टिप्पणी की कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार अपने मंडी सांसद द्वारा दिए गए बयानों के पीछे नहीं खड़ी होती है, तो उसे उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। कंगना रणौत ने लगातार किसान समुदाय को निशाना बनाया है, जबकि भाजपा मूकदर्शक बनी हुई है। यह कोई संयोग नहीं है – यह एक सावधानीपूर्वक लिखी गई रणनीति है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि सांसद कंगना के इस विवादित बयान ने भाजपा के किसान विरोधी नीतियों को दर्शाती है। अगर भाजपा किसान विरोधी नहीं है तो इस पर पार्टी हाईकमान को तत्काल उन्हें पार्टी से निष्कासित करना चाहिए।
कंगना नायक नहीं खलनायक है
भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत के कृषि कानूनों को लेकर बयान पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि कंगना नायक नहीं खलनायक है, उसे सीरियस नहीं लिया जाना चाहिए। वह हमेशा ही पंजाब व हमारे लोगों के बारे में विवादित बयान देती रहती हैं। हालात यह है कि भाजपा को खुद उनके बयानों से किनारा करना पड़ रहा है। डॉ. बलबीर ने कहा कि अगर कंगना के माता-पिता किसान हैं तो वो भी उसके बयान के साथ सहमत नहीं होंगे। कई लोग सोच समझकर बोलते हैं और कई लोग बोलने के बाद सोझते हैं, लेकिन कंगना इन दोनों कैटेगरी में नहीं हैं। वो न तो बोलने से पहले सोचती हैं और न ही बाद में।
अब कंगना लोकसभा में सांसद हैं, उनको इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।