नईदिल्ली, १८ जुलाई [एजेंसी]।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अदालतों को काम करने से रोकना स्वीकार्य नहीं है। इसके साथ ही उसने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से एक हलफनामा दायर करने को कहा है, जिसमें पूछा गया है कि पिछले एक साल में जब बार एसोसिएशनों ने हड़ताल का आह्वान किया है तो क्या कार्रवाई की गई है।शीर्ष अदालत ने वकीलों की हड़ताल के खिलाफ अपने आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर गैर सरकारी संगठन कामन काज द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि असली मुद्दा यह है कि अदालतों के कामकाज में व्यवधान नहीं डाला जाना चाहिए। जस्टिस एसके कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि अदालतें कामकाज करना बंद नहीं कर सकतीं। बड़ी संख्या में मामले लंबित रहने के कारण लोगों (आरोपितों) को जमानत नहीं मिल पा रही है। पीठ ने कहा- जब कामकाज नहीं हो पाता है, तब अदालतों के लिए इसे समायोजित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ये व्यावहारिक समस्याएं हैं। जब आप अदालतों का कामकाज करना बंद कर देते हैं, तब यह कुछ ऐसी चीज है जो स्वीकार्य नहीं है। बीसीआई के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने पीठ को बताया कि शीर्ष बार संगठन ने इस मुद्दे पर नियम बनाए हैं।