जांजगीर । जिला मुख्यालय में एक ओर स्वास्थ्य कर्मचारियों को आवास की सुविधा नहीं मिलने से परेशानी हो रही है वहीं दूसरी ओर एक करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर बनाया गया 10 मकानों का स्टाफ क्र्वाटर तैयार होने के बाद भी खाली पड़ा हुआ है। क्योंकि निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी ने स्टॉफ क्र्वाटर तो बना लिया है लेकिन सडक़ और बाउंड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया।
सुनसान इलाका होने के चलते बाउंड्रीवाल बहुत जरुरी है। वहीं जाने के लिए सडक़ भी नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी हैंडओवर नहीं ले रहा है। इधर खाली पड़े-पड़े क्र्वाटर खंडहर हो रहे हैं। दीवारों पर जगह-जगह दरारें पडऩी शुरु हो गई है।
गौरतलब है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जांजगीर के पीछे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए 10 कमरों वाला स्टॉफ क्वार्टर कालोनी का निर्माण हुआ है। निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी लिमिटेड है जिसकी लागत करीब डेढ़ से दो करोड़ के आसपास बताई जा रही है। क्वार्टर तैयार हुए करीब दो साल हो चुके हैं लेकिन हैंडओवर नहीं हो पा रहा है। इधर मकानों की स्थिति उपयोग नहीं होने से जर्जर होती जा रही है।
अब फिर से भेज रहे प्रपोजल, स्टीमेट में ही शामिल करना था
नियमानुसार जब स्टाफ क्र्वाटर के लिए प्रपोजल तैयार किया गया था और स्थल चयन किया गया था तभी ही इसमें सडक़ और बाउंड्रीवाल को भी शामिल किया जाना था लेकिन उस समय इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में मकान तो तैयार हो गए लेकिन सडक़ और बाउंड्रीवाल का काम अधर में लटक गया है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो इसके लिए अब सीएमएचओ दफ्तर से प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। यानी जब तक मंजूरी नहीं मिलेगी तब तक स्वास्थ्य कर्मचारियों के बनाया गया स्टाफ क्र्वाटर उनके किसी काम नहीं आ पाएगा। उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।
स्टाफ क्र्वाटर का निर्माण उनके आने से पूर्ण का है। अभी हैंडओवर नहीं हुआ है क्योंकि सडक़ और बाउंड्रीवाल की जरुरत है। तभी भवन का उपयोग हो पाएगा। सडक़, बाउंड्रीवाल समेत अन्य सुविधाओं के लिए यहां से प्रपोजल हमने भेज दिया है।
डॉ. स्वाती वंदना सिसोदिया, सीएमएचओ