भागलपुर, २८ दिसम्बर ।
लोंगों को नित नये तरकीब से ठगी का शिकार बनाने वाले साइबर शातिर अब इंटरनेट मीडिया पर एक्टिव किशोरों को हुस्न की गुदगुदी का झांसा दे फांस रहे हैं। राजधानी पटना के बाद साइबर ठगी और बुलिंग का सबसे ज्यादा शिकार भागलपुर जिले के किशोर हुए हैं। इस साल अबतक राज्य में 36 हजार के करीब किशोर साइबर ठगी के शिकार हुए हैं, जिसमें भागलपुर जिले के 76 सौ के करीब किशोर ठगी के शिकार हुए हैं। ठगी के शिकार हुए किशोरों की संख्या मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान जिले में भी अच्छी-खासी है। टोल फ्री नंबर 1098 पर ऐसी शिकायतों की मानों बाढ़ आ गई है। साइबर ठगी और बुलिंग के शिकार किशोर उम्र के लडक़े-लडक़ी अपनी पीड़ा अपने मां-बाप को बता नहीं पा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया और बैंक खातों के जरिये ठगी की घटना में काफी इजाफा हुआ है। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर आने वाली काल से यह सनसनीखेज आंकड़े उजागर हुए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस हेल्पलाइन को संचालित करता है। इंटरनेट मीडिया पर एक्टिव होने और उनके बैंक खाते होने के कारण किशोर ही अधिकांश साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं।इंटरनेट पर एक्टिव किशोरवय उम्र के लडक़े-लड़कियों को इसलिए आसानी से शिकार बना ले रहे हैं कि उनके बैंक अकाउंट होते हैं। साइबर शातिर लडक़ों को फांसने में लड़कियों के नाम का इस्तेमाल करते हैं। लडक़ों से पैसे ऐंठने के लिए लड़कियों का नाम इस्तेमाल आसानी से कर ले रहे हैं।
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर आने वाली शिकायतों की बात करें तो राज्य में इस साल अबतक 36 हजार से अधिक किशोर साइबर फ्राड के शिकार हुए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुसार इंटरनेट मीडिया अकाउंट और बैंकों के खाते वाले किशोर साइबर शातिर के निशाने पर अधिक हैं। साइबर शातिर लडक़ी होने का झांसा देकर किशोरों को झटके में ठग ले रहे हैं। ठगी के शिकार अधिकांश किशोर अपने परिजन को इस घोर परेशानी की जानकारी नहीं दे पाते। घुंट-घुंट कर रहते। जिस कारण ब्लैकमेलिंग के शिकार भी अधिक हो रहे हैं।
साइबर शातिर लड़कियों का रूप लेकर स्कूल-कॉलेज के लडक़ों पर इंटरनेट मीडिया के जरिये फांसने का चारा फेंकते हैं। जवानी की दहलीज पर कदम रखने वाले लडक़ों को लडक़ी बन फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजा नहीं कि झट से शिकार हो जाते हैं। चंद घंटे में ही चैटिंग पर उतर आते। लडक़ों को फांसने के लिए तरह-तरह की तरकीब इस्तेमाल करते हैं। फिर उनका बैंक खाता हासिल करते ही उनके खाते खाली कर देते।अधिकांश लडक़ों को साइबर शातिर ब्लैक मेलिंग का शिकार बना लेते। इंटरनेट मीडिया पर तस्वीर डालने वाले किशोरों को भी साइबर शातिर ताड़ते रहते हैं। साइबर शातिर पहले दोस्ती गांठते फिर उन्हें अपना आसान शिकार बना लेते। भागलपुर और आसपास के कई शिक्षण संस्थानों के लडक़े-लडक़ी साइबर ठगों के फैलाए जाल में फंस कर तबाह हो रहे हैं। उनसे ठगी, ब्लैकमेल करने की घटना में काफी इजाफा हुआ है। यह आंकड़े कम इसलिए हैं कि कई बार इसकी शिकायतें दर्ज नहीं कराई जाती।साइबर अपराध को जागरूकता के हथियार से प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सकता। इसकी रोकथाम के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। किशोर यदि साइबर ठगों के फैलाए गए जाल में फंस भी गए तो उन्हें अपने अभिभावकों को जरूर इसकी जानकारी दें ताकि समय रहते उन्हें राहत दिलाई जा सके।- विवेक कुमार, आइजी