
चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरुवार रात हुई बैठक में हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 50 पर उम्मीदवारों को लेकर करीब चार घंटे तक मंथन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुई बैठक में 50 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है। शेष बची 40 सीटों पर नाम तय करने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की दोबारा बैठक होगी। गुरुवार देर रात अथवा शुक्रवार सुबह भाजपा अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है, जिसमें तीन दर्जन नाम शामिल हो सकते हैं। ये सभी नाम सिंगल पैनल वाले हैं, जो प्रदेश की केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से केंद्रीय चुनाव समिति को तय कर भेजे गए थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा से चुनाव लडऩे का संकेत कर दिया गया है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले दिल्ली में गुरुवार सुबह हरियाणा भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य के प्रमुख नेताओं के साथ पार्टी उम्मीदवारों के चयन संबंधी फार्मूले पर फाइनल चर्चा की। इस बैठक में तीनों केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली इस बैठक का हिस्सा बने। शाम को करीब साढ़े छह बजे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आरंभ हुई, जिसमें करीब आठ बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे। प्रधानमंत्री ने एक-एक विधानसभा सीट पर चर्चा की। प्रदेश चुनाव समिति ने 50 सीटों पर एक-एक नाम का पैनल तैयार कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा था, जबकि 40 सीटों पर दो-दो दावेदारों के नाम थे। भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति में सिंगल नाम वाले पैनलों पर ही चर्चा की और तय किया कि लोकसभा का चुनाव लड़ चुके कुछ उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव लड़वाया जाएगा, जबकि कुछ राज्यसभा सदस्यों को भी चुनाव लड़वाने पर चर्चा हुई है। केंद्रीय मंत्रियों राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर के स्वजनों को टिकट देने पर बैठक में चर्चा हुई, लेकिन अभी दोनों को इस बारे में कोई स्पष्ट इशारा नहीं किया गया है।बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि भाजपा कई मौजूदा विधायकों व कुछ मंत्रियों के टिकट काटने जा रही है, जबकि भाजपा का सहयोग करने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को टिकट मिलने की संभावना बहुत कम है।
करीब दो दर्जन सीटों पर नये चेहरे देखने को मिल सकते हैं।पार्टी ने इस बार टिकटों के वितरण में समर्पित कार्यकर्ताओं का पूरा ध्यान रखा है। फिलहाल किसी मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री को विधानसभा चुनाव नहीं लड़वाया जा रहा है, लेकिन राज्यसभा सदस्यों को जरूर टिकट मिलने की संभावना है। साल 2019 में विधानसभा चुनाव हारे पूर्व मंत्रियों को भी भाजपा टिकट देने जा रही है।